भारत के बटवारे दंगो और उसके बाद हुए लाखों लोगों के विस्थापन को मानवीय इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में गिना जाता है लेकिन इस विषय पर बनी फिल्म को उंगलियों पर गिना जा सकता है
1. गरम हवा
देश विभाजन के दौरान हालत अचानक कैसे बदल गए। इस पर भारत के साथ पाकिस्तान के फिल्मकारो ने भी उसी दौर में कुछ फिल्में बनाई थी। लेकिन इस विषय पर जो फिल्म सबसे पहले ज्यादा सुरखियों मे है वह है गरम हवा ये फिल्म देश के विभाजन के करीब 25 वर्ष बाद 1973 में प्रदर्शित गरम हवा ये फिल्म चुगताई की एक लघु गाथा पर आधारित थी, इस्की पटकथा कैफी आजमी और शामा जैदी ने लिखी थी | ये फिल्म महात्मा गांधी की हत्या के बाद और देश के विभाजन के बदले माहोल पर आधारित है और उत्तर भारतीय मुसलमान व्यापारियों के दर्द को ब्यान करती है।
फिल्म का प्रमुख पात्र आगरा का जूटा व्यापारी सलीम मिर्जा है.विभाजन के बाद जब बहुत से मुसलमान पाकिस्तान चले जाते हैं तो मिर्जा और उसका बेटा भारत में रहने का फैसला। इस फिल्म में कई ऐसे प्रेम प्रसंग बताए गए हैं जिनमे कई लोगों का पाकिस्तान चला जाना और कुछ लोगों का यही रहना, और फिर उन प्रेमियों का कभी नहीं मिला है जैसी कई कहानियां दिखाई गई हैं
2. तमस
इस फिल्म को बनने वाले भीष्म साहनी को साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था | अब बात कर फिल्म की तो इस फिल्म में ओम पुरी, अमरीश पुरी, दीना पाठक, दीपा साही, उत्तर बाओकर, ए.के हंगल, मनोहर सिंह, सईद जाफरी, इफ्तखार, के. क्रैना, बेरी जॉन और हरीश पटेल के साथ खुद लेखक भीष्म साहनी भी अहम भूमिका में आपको देखने को मिलेंगे इसकी कहानी दंगों को भड़काने से लेकर उसके ऊपर हुई राजनीति को लेकर है इसमें पाकिस्तान में दंगों के माहौल में फंसे हिंदू और सिख परिवारों के दर्द को बयां किया गया है नेताओं और शासकों के अपने अपने मकसद के बीच एक आम आदमी किस तरह फंस के रह जाता है यह कहानी का केंद्र है|
3. ट्रेन टू पाकिस्तान
ये फिल्म खुशवंत सिंह के 1956 में लिखे उपन्यास पर आधारित है और उसी नाम से प्रकाशित भी हुई थी इसकी कहानी भारत पाकिस्तान के बॉर्डर पर बने एक काल्पनिक गांव मानो माजरा पर आधारित है यह एक शांत गांव है जहां सिख और मुसलमान सालों से शांति से रह रहे होते हैं लेकिन बंटवारे के बाद हालात बदल जाते हैं और उसी स्थिति को इस फिल्म में दर्शाया गया है
4. पिंजर
साल 2003 में प्रदर्शित फिल्म पिंजर बंटवारे की पृष्ट भूमि पर हिंदू मुसलमान समस्याओं पर ऐसी फिल्म है जो बताती है सदभाव से समस्याओं का हल किया जा सकता है फिल्म में विभाजन के हालात में हिंदू मुसलमान दुश्मनी तो दिखाई है लेकिन फिल्म का अंत इन दोनों के प्रेम से होता है फिल्म का निर्देशन और पटकथा लेखन डॉक्टर चंद्रप्रकाश दिवेदी ने किया है
5. गदर एक प्रेम कथा
ग़दर एक प्रेम कथा एक फार्मूला मिलन है जो भारत के दर्शकों की तालियां बटोरने के इरादे से बनाई गई थी और इसमें वह कामयाब भी रही गदर 2001 में रिलीज हुई थी और इसका निर्माण जी टेलीफिल्म्स ने निर्देशक अनिल कुमार से करवाया था गदर में सनी देओल अमीषा और अमरीश पुरी इन तीन मुख्य पात्रों का अभिनय नाटक किए लेकिन दिलचस्प है बाकी इस फिल्म के बारे में आप सब जानते हैं और उम्मीद है कि आप ने यह फिल्म देखी भी