बड़सर विधानसभा में वैसे तो पिछले काफी समय से काफी मुद्दे ऐसे हैं जिनका कोई हल अभी तक नहीं निकल पाया है। इनमें से मैहरे में बनने वाले बस स्टैंड का मुद्दा भी प्रमुख है। 2012 में बस स्टैंड का उद्घाटन तत्कालीन सरकार ने किया लेकिन आज तक बस स्टैंड नहीं बन पाया है। 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल और विधायक बलदेव शर्मा ने बस स्टैंड की उद्घाटन पटिका अनावृत की थी , लेकिन उस स्थान पर भी अब केवल झाड़ियां ही आपको देखने को मिलेंगी। गौरतलब है कि बड़सर गांववासियों ने अपनी 35 कनाल जमीन बड़सर में बस अड्डा बनने के लिए दान की थी। और उनका कहना था कि इस दान की हुई जमीन पर मैहरे और बड़सर के लिए बस अड्डे का निर्माण किया जाए। लेकिन वहां पर निर्माण को तरजीह न देकर , 2012 में धूमल सरकार ने विद्युत विभाग के दफ्तर के सामने पड़ी खाली जगह में उद्घाटन पटिका लगाकर ये घोषणा कर दी कि बस अड्डा यहीं बनेगा। लेकिन उसके बाद कांग्रेस की सरकार सत्ता में आ गयी , और उसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी रही , हिमाचल पथ परिवहन की अगर बात करें तो उन्होनें काफी बार बड़सर में दान की हुई जमीन के सर्वे किये , लेकिन टेस्ट में जमीन बस अड्डा बनाने लायक नहीं पाई गई, अब उस जमीन पर एक ऐ डी ए दफ्तर व निवास बन गया है, व आर्मी अस्पताल भी बनना प्रस्तावित है। और जिस जगह पर उद्घाटन पटिका स्थापित की गई थी , उस जगह को भी विभाग ने बस अड्डा बनाने योग्य नहीं माना है।
ऐसे में सवाल ये उठता है की 2012 में जो बस अड्डा बनना था , आज 10 साल बाद भी वो नहीं बन पाया है। और इस कारण बसों को मैहरे बस स्टॉप पर खड़ा करना पड़ता है। जिस कारण वहां पर जाम की स्थिति अक्सर उत्तपन होती रहती है। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द जगह ढूंढ कर बस अड्डे के निर्माण किया जाए।
2012 में बस स्टैंड का उद्घाटन तत्कालीन सरकार ने किया लेकिन आज तक बस स्टैंड नहीं बन पाया है।
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