बड़सर उपमंडल के भकरेड़ी माध्यमिक पाठशाला में छठी से लेकर आठवीं कक्षा में करीब 80 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैँ! लेकिन पिछले 5 साल से यहां पर न ही ड्राइंग का कोई अध्यापक नियुक्त किया गया है, और न ही शारीरिक शिक्षक का प्रावधान यहां किया गया है! अधिक जानकारी लेने के बाद ये पता चला की स्कूल में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों से छात्रों को पढाई करवाई जाती है, लेकिन इन छात्रों को पढ़ाने के लिये केवल 3 ही अध्यापक नियुक्त किये गए हैँ, जिन्हें हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों में छात्रों को पढ़ाना पड़ता है! वहीं नियमों के अनुसार एक जेबीटी अध्यापक को लगभग दो विषय पढ़ाने होते हैँ, ऐसे में एक अध्यापक 2 माध्यमों में 2 विषय पढ़ाने को मजबूर है! आपको बता दें की इस स्कूल की जमीन भी अभी स्कूल के नाम है, ऐसे में स्थानीय लोग भी मनमाने ढंग से स्कूल के मैदान को इस्तेमाल करने में लगे रहते हैँ, हाल में स्कूल में बाउंड्री वाल का निर्माण करने के लिये स्कूल के लिये चार लाख रुपया आया था, जिसे वापिस भेजना पड़ा!
ऐसे में दो सबसे बड़े सवाल ये उठते हैँ की शिक्षा में जहां बच्चे का सरवांगीन विकास करने के लिये पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी है, वो सुविधा इस स्कूल में उपलब्ध नहीं है, दूसरा इस स्कूल के नाम ही जमीन नहीं है, जिस कारण यहां विकासआत्मक गतिविधियों में हमेशा रोड़ा अटका रहता है!
इस विषय में ज़ब हमने स्कूल प्रधानचार्य कमल चौहान से बात की तो उन्होंने बताया की, रिक्त पदों के विषय में विभाग को लिखकर भेज दिया गया है, और उम्मीद है की इस मांग को जल्द ही पूरा किया जायेगा! उनका कहना है की छात्रों को बेहतरीन सुविधा देना हमारा प्रमुख लक्ष्य है, और हम लगातार इस और प्रयासरत हैँ!