मैहरे, उपमंडल बड़सर का एक प्रमुख कस्बा है। अगर बात करें शिक्षा व्यवस्था की तो यहां पर एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल है, जो 2012 से पहले एक हाई स्कूल था , और यहां केवल दसवीं तक कक्षाएं चलती थी। लेकिन 2012 में इसे सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनाया गया , जिसके बाद यहां कला संकाय में कक्षाएं शुरू की गई । 2015 में यहां नॉन मेडिकल की कक्षाएं शुरू की गई लेकिन कोई आधुनिक लैब न होने की वजह से अब लगातार छात्रों की संख्या भी कम हो रही है। मैहरे कस्बे और इसके साथ लगते सभी गांवों के छात्रों को जिन्हें मेडिकल या वाणिज्य संकाय की पढ़ाई करनी है , उन्हें यहां से 3 किलोमीटर दूर बणी या जौड़े अम्ब के सरकारी विद्यालय में जाना पड़ता है।
ऐसे में सरकार के घर-घर शिक्षा पहुंचाने के दावे की पोल खुलती हुई दिख रही है, क्योंकि जहां उमण्डल मुख्यालय के विद्यालय को सारी सुविधाएं मिलनी चाहिए , वहां पर लैब जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं है। और वहीं अगर बात करें विषयों की तो वाणिज्य और मेडिकल जैसे महत्वपूर्ण विषय भी इस स्कूल में नहीं हैं। और न ही किसी भी सरकार ने इतने लंबे समय से इस विषय पर कोई ध्यान नहीं दिया। नेताओं द्वारा जहां पर केंद्रीय विद्यालय लाने की बात कही जाती है, वहां पर सच्चाई ये है कि उपमंडल मुख्यालय में ही कोई ऐसा बेहतर व्यवस्थाओं वाला स्कूल नहीं है जिसकी मिसाल दी जा सके।इस बारे में जब हमने स्कूल प्रधानाचार्य जगदेव सिंह से बात की तो उन्होनें बताया कि लैब तभी बन सकती है जब यहां पर मेडिकल की कक्षाएं शुरू की जाएंगी। वहीं छात्रों को स्कूल की तरफ से हर तरह की सुविधा उपलब्ध करवाने की कोशिश की जाती है। उन्होंने बताया कि +1 की कला और नॉन मेडिकल में अभी हमारे स्कूल में कुल 63 छात्र हैं।बड़सर पंचायत के उप प्रधान राकेश शर्मा का कहना है की इस मुद्दे को लेकर हम अभी हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले हैँ, और उन्होंने आश्वासन दिया है की जल्द ही इस मामले में विचार कर कार्रवाई अमल में लायी जाएगी! उन्होंने कहा की ये हमारी विधानसभा का दुर्भाग्य है की उपमंडल मुख्यालय के एक मात्र सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आधुनिक साइंस लैब नहीं है, और न ही आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर है! स्थानीय लोगों की भी यही मांग है की जल्द ही यहां मेडिकल की कक्षाएं शुरू की जाएं और आधुनिक साइंस लैब का निर्माण इस स्कूल में किया जाए!