बड़सर उपमंडल के घोड़ी धबीरी पंचायत में एक ताज़ा मामले में पंचायत प्रधान को न्यायालय ने अयोग्य घोषित कर दिया! आपको बता दें की एक अन्य उम्मीदवार सुरिंदर सिंह जिन्होंने पंचायत चुनावों में भाग लिया था, उन्होंने अपने पंचायती चुनावों के प्रतिद्वंदी और जीते हुए उम्मीदवार रविंदर सिंह पर अदालत में ये आरोप लगाते हुए मुक़दमा दायर किया कि रविंदर सिंह की उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित किया जाये क्योंकि पंचायती राज कानून के तहत रविंदर सिंह के पास सरकारी भूमि का अधिग्रहण है, और कानून के अनुसार अगर किसी व्यक्ति ने सरकारी भूमि पर कब्जा किया है तो वो चुनाव नहीं लड़ सकता है, लेकिन रविंद्र सिंह ने चुनावों के दौरान दिए गए हलफनामे में ये जानकारी नहीं दी, इसके ऊपर उन्होंने उस समय रिटर्निंग अफसर के समक्ष ये आपत्ति भी दर्ज कराई थी, लेकिन उनकी बात को सुनकर भी अनसुना कर दिया गया, और उस समय उनकी उम्मीदवारी को सही मान लिया गया!
इस पूरे घटना क्रम के बाद ज़ब रविंदर सिंह प्रधान चुन कर आ जाता है तो, 3 फरबरी 2021 को सुरिंदर कुमार ने चुने हुए प्रधान रविंदर सिंह और रिटर्निंग अफसर कमलेश कुमार के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर कर दिया! ये केस sdm बड़सर के पास करीब 1 साल चला और सारे तथ्यो के आधार पर ये फैसला किया गया कि रविंदर सिंह को प्रधान पद के लिये अयोग्य घोषित किया जाता है!सुरिंदर सिंह का कहना है कि उनके हारने और रविंदर सिंह के जीतने के कारण ही ये केस दायर नहीं हुआ, अपितु मैंने ये केस इस लिये दायर किया कि सत्य को लोगों तक पहुंचाया जा सके, सरकारों को ये बताया जा सके कि किस तरह सुशासन के उनके दावों को निचले स्तर पर कुछ लोग तार तार करने पर तुले हैँ, मेरा ये मानना है कि सत्ता में साफ सुथरे लोग आने चाहिए ताकि साफ नियत से प्रशासन चलाया जा सके, और लोगों को उनके हकों से महरूम न रहना पड़े! कोर्ट ने हमारी बात सुनी और तथ्यो के आधार पर मानी भी इसके लिये मैं माननीय कोर्ट का भी धन्यवाद करता हूँ!उपमंडलाधिकारी शशि पाल शर्मा से इस विषय में ज़ब हमने बात कि तो उन्होंने कहा कि सारे तथ्यो के आधार पर हमने सुरिंदर सिंह के पक्ष में फैसला किया और रविंदर सिंह की उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित किया!इस विषय में ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर बिझड़ को निर्देश जारी किये गए हैँ, कि वो जरूरी तैयारियां कर नए सिरे से घोड़ी धबिरी पंचायत में चुनाव करवाने पर करवाई करें!