बाबा बालक नाथ ट्रस्ट के अंदर आने वाले शास्त्री कॉलेज में लम्बे समय से छात्रावास बनाने की बात कही जा रही है, इसके लिये जमीन भी चिन्हित कर ली गयी है, लेकिन करीब 13 साल होने के बाद भी काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है!ऐसे में इतने सालों में हज़ारों की संख्या में छात्र यहां से पढ़कर जा चुके हैँ, लेकिन अभी तक भी छात्रों को ये सुविधा नहीं मिल पायी है! आपको बता दें की वर्तमान में इस कॉलेज में भर्तित परम्पराओं से जुड़े विभिन्न विषय पढाये जाते हैँ, जिसमें मुख्य तौर पर शास्त्री की पढाई करवाई जाती है,इसके अलावा यहां पर दर्शन शास्त्र, ज्योतिष, साहित्य, अंग्रेजी, संस्कृत, हिंदी आदि विषय भी पढाये जाते हैँ, और करीब 120 विद्यार्थी यहाँ हिमाचल के करीब 7 जिलों से पड़ने के लिये वर्तमान समय में आये हैँ! और इन 120 छात्रों में से अधिकतर अलग अलग जिलों से हैँ, जिन्हें रहने के लिये बाहर किराये के कमरे लेने पड़ते हैँ! छात्रावास न होने की वजह से भी कई विद्यार्थी यहाँ एड्मिशन लेने से कतराते हैँ
छात्रावास के अलावा यहां पर साहित्य पढ़ाने के लिये पिछले 3 महीने से कोई अध्यापक नहीं है, जबकि यहाँ साहित्य के लिये 2 अध्यापकों का प्रावधान है! इसके साथ सभी विषयों में एक एक अध्यापक है, जीके ऊपर कम स्टाफ होने की वजह से अधिक बोझ भी बढ़ जाता है!इस विषय में ज़ब हमने कॉलेज के प्रधानचार्य वीरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा की हमने छात्रावास की मांग को लेकर कई बार कहा है, लेकिन अभी तक इस पर कोई करवाई नहीं हो पायी है, उनका कहना है की अगर छात्रावास बनाये जाते हैँ तो कॉलेज में पड़ने वाले छात्रों की संख्या में निश्चित तौर पर बढ़ोतरी होगी!ऐसे में सवाल उठता है की पिचलर 15 साल से ज़ब इसको बनाने की बात कही जा रही है तो अभी तक इस काम को पूरा क्यों नहीं किया गया! क्या स्थानीय लोगों के दवाव के कारण या किसी और कारणवश, लेकिन कारण चाहे जो भी हो छात्रों को छात्रावास मिलने ही चाहिए!