बड़सर विधानसभा की भकरेड़ी पंचायत में 2010 और 2011 के बीच एक भवन बनाकर तैयार किया गया । इसका उद्धघाटन तत्कालीन भाजपा सरकार में मंत्री रविन्द्र रवि ने किया था। और इस भवन का मकसद क्षेत्र में एक सब्ज़ी मंडी के तौर पर इसे विकसित करने का था। लेकिन जब इस भवन का निर्माण कार्य सम्पन्न हो गया और इसे आम जनता के लिए प्रयोग में लाया जाना था,तो ऐसा कभी किया ही नहीं गया। सब्ज़ी मंडी के प्रयोग के लिए बनाए गए इस भवन में सब्जी मंडी कभी लगाई ही नहीं गयी। भाजपा के शासनकाल में बने इस भवन के बाद एक बार कांग्रेस की व अब चार साल दोबारा भाजपा की सरकार में भी इस भवन में आज तक एक बार भी सब्ज़ी मंडी नहीं लगी। अब वर्तमान में इस मंडी पर भकरेड़ी पंचायत का अधिकार है, जिसमें पंचायत ने स्वनिधि से उसपर 1 लाख के करीब पैसा खर्च कर उसे पंचायत के प्रयोग में लिया है। ये खण्ड ग्रामीण विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आता था , लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई, भकरेड़ी पंचायत से पता चला कि ये अब उनके अधिकार क्षेत्र में है। इसका कारण जब हमने भकरेड़ी पंचायत प्रधान सलोचना देवी व उप प्रधान परविंदर सिंह बन्याल से पता किया तो उन्होनें बताया कि शुरू में इसका निर्माण सब्ज़ी मंडी बनाने के तौर पर ही किया गया था, लेकिन इसमें सब्ज़ी मंडी कभी लगाई ही नहीं गयी , और ये जगह लगातार नशे का अड्डा बनती जा रही थी , जिस कारण पंचायत ने ये फैसला किया कि सरकार से बात कर इसे अपने प्रयोग में लिया जाए। इसके बाद हमने इसे अपने अधिग्रहण में लेने की योजना पर काम करना शुरू किया। 2018 में ये भवन हमारे अधिकरण में आ गया। इस भवन की हालत भी खराब होने लगी थी और एक तरह से ये नशे का अड्डा भी बन गया था , तो हमने इस भवन को रिपेयर करवाया व इसके खुले भाग में शटर लगवाए , जिससे यहां पर असमाजिक तत्व न बैठ पाएं। अब इसका प्रयोग हमने स्टोर के रूप में किया है, व किराए के तौर पर उससे 2000 की मासिक आमदनी पंचायत को हो रही है, जिसे हम स्वनिधि में ही दाल देते हैं , जिससे कि भविष्य में भी उसका उपयोग किया जा सके। लेकिन मुख्य सवाल यही है कि जिस उद्देश्य के लिए इस भवन को बनाया गया था यानी एक सब्ज़ी मंडी के तौर पर वो उद्देश्य कभी पूरा ही नहीं हो सका। और जो लाभ इस सब्ज़ी मंडी के बनने से क्षेत्र के लोगों को मिलते उनसे क्षेत्र के लोग वंचित रह गए।