बड़सर उपमंडल के 3 गाँवों जिसमें दलचेहड़ा,टिक्कर राजपुता व चम्बेह गाँव में 2017 में आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी स्वीकृत हुई थी! और उस समय इसके लिये बजट भी पास हुआ था, जिससे इनके नए भवन बनाये जाने थे, लेकिन आचार संहिता लगने के बाद काम अधर में लटक गया और उसके बाद सरकार बदल गयी!
लेकिन बात करें अगर सुविधाओं की तो 2017 के बाद अब 5 साल बीत गए लेकिन अभी तक न तो इन डिस्पेंसरी का कोई स्थाई भवन है न ही यहाँ पर डॉक्टरों की पोस्ट क्रिएट की गयी है! बात करें दलचेहड़ा की तो यहाँ पर ये डिस्पेंसरी जंजघर में चलाई जा रही है, और चम्बेह में भी कुछ यही हाल हैँ, यहां भी डिस्पेंसरी जंजघर में ही चलाई जा रही है, वहीं टिक्कर राजपुता में ये डिस्पेंसरी पंचायत घर में चलाई जा रही है! स्थाई डॉक्टर न होने की वजह से लोगों को खासी दिक्क़त का सामना करना पड़ रहा है, कभी डॉक्टर आते हैँ कभी नहीं, ऐसे में छोटे से छोटे इलाज के लिये भी लोगों को अधिकतर समय कहीं और का रुख करना पड़ता है!
इस विषय में ज़ब हमने विधायक इंद्रदत लखनपाल से बात की तो उन्होंने कहा की, हमारे कार्यकाल में ये 3 डिस्पेंसरी सैंक्शन हुई थी, और हमने इसके लिये बजट का प्रावधान भी कर लिया था, लेकिन चुनावी साल होने की वजह से कुछ समय बाद अचार संहिता लग गयी, और चुनावों के बाद भाजपा की सरकार आ जाती है, लेकिन उनकी लापरवाही के चलते आज तक यहाँ न स्थाई भवन बन पाया है, और न ही डॉक्टरों की पोस्ट क्रिएट की गयी है, ये साफ दर्शाता है की भाजपा को विकास से कोई लेना देना नहीं है, न ही लोगों की समस्याओं से उनका कोई वास्ता है, भाजपा केवल चुनावी वादों तक सिमित है! 2022 में कांग्रेस की सरकार बनते ही इनका कार्य पूरा किया जायेगा और लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा उनके ही गाँव में मुहैया करवाई जाएगी!
इस विषय में टिक्कर राजपुता गांव के उप प्रधान ने सरकार से सवाल करते हुए कहा की आज तक यहाँ पर स्थाई डॉक्टर न होने की वजह से लोगों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है! इसी के साथ गांववासी कैप्टेन दिलेल सिंह, विक्की शर्मा आदि ने कहा की सरकार जल्द ही इसके लिये एक स्थाई भवन और डॉक्टर का प्रावधान करे!
दलचेहड़ा और चम्बेह गाँव के लोगों ने भी मांग की है की सरकार जल्द से जल्द हमें सुविधा पहुंचाने का काम करे ताकि हमें बेसिक स्वास्थ्य सुविधा के लिये इधर उधर न जाना पड़े!