बड़सर म्हाविद्यालय से 3 अध्यापकों के डेपुटेशन को लेकर बड़सर कॉलेज के छात्रों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है! आपको बता दें की हाल ही में गलोड मैं सरकार ने महाविद्यालय खोलने की अधिसूचना जारी की थी एवं साथ ही साथ कक्षाएं चलाने की भी अधिसूचना जारी कर दी थी परंतु शिक्षकों के पदों के स्वीकृत नहीं किया था,इसी में राजकीय महाविद्यालय बड़सर के पॉलिटिकल साइंस इंग्लिश एवं हिस्ट्री के 3 प्रवक्ताओं को हफ्ते में 2 दिनों के लिए राजकीय महाविद्यालय गलोड मैं डेपुटेशन पर लगा दिया है जिसका विरोध छात्र पुरजोर तरीके से कर रहे हैँ,
छात्रों का कहना है अगर यह डेपुटेशन नहीं रोका गया तो महाविद्यालय बड़सर मैं प्रवक्ताओं के डेपुटेशन को रोकने के लिए धरने दिया आपको बता दें की सरकार ने 2017 में बड़सर कॉलेज को अपग्रेड कर कर m.a. हिस्ट्री एवं एमकॉम की कक्षाएं शुरू करने की अधिसूचना जारी की थी लेकिन उसके बाद अब तक यह कक्षाएं नहीं चल सकी है, बार-बार सरकार इस पर तर्क देती है एवं प्रशासन तर्क देता है कि जब तक पद स्वीकृत नहीं होंगे तब तक कक्षाएं नहीं शुरू हो पाएंगे m.a. हिस्ट्री एवं एम कॉम की कक्षाएं चलाने के लिए उस समय डेपुटेशन क्यों नहीं किया जाता है, बड़सर कॉलेज पहले ही अध्यापकों की कमी से जूँझ रहा है, हर सब्जेक्ट में अध्यापकों की कमी चल रही है!अब अगर हफ्ते में 2 दिन यहां से 3 अध्यापक ग्लोड़ जायेंगे तो बड़सर कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई पर इसका बुरा असर पड़ेगा, वर समय पर उनका सिलेबस अध्यापक के लिये भी करवाना मुश्किल हो जायेगा! इसी के साथ ही ग्लोड़ कॉलेज में भी छात्रों की पढाई प्रभावित होगी!इस विषय में ज़ब हमने प्रधानाचार्य अश्वनी कुमार से बात की तो उन्होंने कहा इस फैसले को लेकर छात्रों का विरोध तो है, और इस विषय में उच्च अधिकारीयों को अवगत करवा दिया गया है, बाकि छात्रों की पढाई प्रभावित न हो, इसके लिये कॉलेज प्रशासन ने इंतेज़ाम पूरे कर लिये हैँ!सबसे बड़ा सवाल यही बनता है की इस फैसले से एक तरफ जहां छात्रों को परेशानी होगी वहीं अध्यापकों पर भी दोनों जगह का दबाब बढ़ेगा!