बड़सर उपमंडल में पिछले काफी समय से पानी की किल्ल्त गाँवों में हो रही है! कई कई दिन पानी न आना क्षेत्र में आम बात हो गयी है! नौबत ये आ चुकी है की लोग टैंकर से पानी मंगवाने को मजबूर हैँ! गर्मियों होने के कारण ये समस्या और गहरा चुकी है! इस बात की पड़ताल ज़ब हमने की तो पता चला की 1980 के दशक में यहाँ पानी की स्कीम लायी गयी, ताकि क्षेत्र में लोगों को पानी मुहैया करवाया जाये, उस समय गांव में एक या दो जगह चिन्हित करके वहां सार्वजनिक नलके लगाए गए! उस समय दो स्कीम प्रमुखता से लायी गयी, जिसमें एक 99 गांव और दूसरी 100 गाँवो को पानी पहुंचाने के लिये इन स्कीमस का फायदा लोगों को मिला, लेकिन समय के साथ लोगों की आबादी बढ़ती रही, और घर घर तक नल पहुंचाने की सरकारी योजनाओं को अम्लीजामा पहनाया गया, लेकिन विभाग इन दो स्कीमों की तरह कोई और बढ़ी स्कीम क्षेत्र में लाने में सफल नहीं हो सका, ताकि कैपेसिटी को और अधिक बढ़ाया जा सके! ऐसे में एक तरफ जहां गर्मी ज्यादा होना एक वजह है जिससे जल स्त्रोत काफ़ी बार सूखने की स्थिति में आ रहे हैँ,
जिस वजह से पानी की सप्लाई बाधित होती दिख रही है, वहीं दूसरी तरफ कोई नई बढ़ी स्कीम न आने की वजह से भी जल आपूर्ती कहीं न कहीं बाधित हुई है!इस विषय में ज़ब हमने जल शक्ति विभाग के जेई आशीष कुमार से बात की तो उन्होंने कहा की गर्मियों में पानी की दिक्क़त कई बार हो जाती है, जिसके कई कारण होते हैँ, लेकिन गर्मियों में हमारा मुख्य लक्ष्य यही रहता है की जल स्त्रोत न सूखे, इसलिए कई बार क्षेत्र में पानी की किल्ल्त का सामना लोगों को करना पड़ता है, लेकिन हमारी कोशिश है की पानी की आपूर्ती बरकार रहे और लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े! आगे बताते हुए उन्होंने कहा की 80 के दशक में बड़सर में जो दो महत्वपूर्ण स्कीम लायी गयी थी, यही हमारी सप्लाई का मुख्य स्त्रोत हैँ, लेकिन उसके बाद बहुत से बदलाव इसमें भी किये गए हैँ, कई जगह चेकडैम बनाकर पानी के स्तर को उचित रखने की कोशिश लगातार की जाती है, लेकिन आगे ऐसे हालत न बने तो विभाग अब व्यास से पानी उठाने को लेकर काम कर रहा है, और जैसे ही ये योजना पूर्ण होती है तो इस क्षेत्र की मुख्य स्कीमों तक उस पानी को पहले लिफ्ट कर और फिर ग्रेविटी के सहारे पहुंचाया जायेगा, ताकि पानी को रिचार्ज होने में और अधिक मदद मिले, और हमारे स्त्रोत भी न सूखें, ताकि लोगों को जल आपूर्ती अच्छी तरह से हो पाए!