बड़सर उपमंडल के अंतर्गत आने वाला बड़सर थाना काफ़ी पुराना थाना है, और आपको बता दें की बड़सर थाने का निर्माण अंग्रेजो के जमाने में किया गया था, सन 1884 में ये बनकर तैयार हुआ था, और अंग्रेजी काल से लेकर अब तक ये आम लोगों के लिये कार्य कर रहा है! लेकिन वर्तमान समय में इस थाने में स्टाफ की कमी चल रही है! आपको बता दें की वर्तमान में बड़सर थाना में कुल 20 कर्मचारी काम कर रहे हैँ, और यहाँ करीब 8 कर्मचारियों की कमी है, जिसमें एक सब इंस्पेक्टर और 7 कांस्टेबलों की कमी है! क्षेत्रफल और जनसंख्या के हिसाब से बात करें तो एक बड़ा हिस्सा बड़सर पुलिस के अंतर्गत आता है, बड़सर पुलिस के अंतर्गत करीब 55 पंचायतें आती हैँ, जिनमें करीब 60 हज़ार से अधिक लोग रहते हैँ! और 60 हज़ार लोगों पर अभी केवल 20 पुलिसकर्मी है, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैँ की कानून व्यवस्था की क्या स्थिति हो सकती है, और दूसरा उन 20 कर्मचारियों पर काम का कितना बोझ होगा ये भी सोच से प्रेम है, जनसंख्या के आधार पर अगर बात करें तो कम से कम भी 50 अधिकारी होने अति आवश्यक हैँ!
वहीं पुलिसकर्मियों के रहने के लिये आवासीय व्यवस्था भी नहीं है, करीब 90 प्रतिशत कर्मचारी बाहर किराये पर कमरा लेकर रहने को मजबूर हैँ, किराये के नाम पर हर महीने एक पुलिसकर्मी को 500 रूपये मिलते हैँ, लेकिन आज की मंहगाई में किराये पर कमरा लेने के लिये आपको कम से कम भी 2000 रुपया तो जेब ढीली करनी ही पड़ेगी,जो कुछ आवास बने भी हैँ वो अब काफी पुराने हो गए हैँ और उन्हें भी मुरम्मत की बहुत आवश्यकता है!जानकारों से बात करने पर पता चला की समय की मांग है की जनसंख्या के आधार पर और वेकन्सी बढ़ाने की जरूरत है, ताकि पुलिस और जनता का अनुपात एक सही स्तर पर आ सके!इस विषय में ज़ब हमने dsp बड़सर शेर सिंह से बात की तो उन्होंने कहा, की इस विषय में उच्च अधिकारीयों को जानकारी दे दी गयी है, और उम्मीद है की जल्द ही खाली पड़ी ये पोस्ट भर दी जाएंगी!