बड़सर उपमंडल के मैहरे में 20 साल पहले एक पानी का टैंक बनाया था जिसकी क्षमता दो लाख लीटर की है! इस पानी के टैंक से मैहरे और आसपास के 6 गाँवों को पानी की सप्लाई विभाग द्वारा दी जाती है! लेकिन अब इस टैंक में कई जगह दरारें पड़ चुकी हैँ, और इसे डिसमेंटले किये जाने की सख्त जरूरत है, हालाँकि इसकी जगह अब मैहरे के लोक निर्माण विभाग के दफ्तर के साथ नए टैंक का निर्माण किया गया है, और ये टैंक पूरी तरह बनकर तैयार है
इस टैंक के बनने पर 35 लाख रूपये खर्च हुए हैँ, और इसकी क्षमता भी करीब दो लाख लीटर ही है! अब इस नए टैंक से मैहरे और आसपास के गाँवों को पानी की व्यवस्था की जायेगी! लेकिन ये पुराना टैंक रिहायशी इलाके में होने के कारण अब ये टैंक दिन प्रतिदिन खतरा बनता जा रहा है! इस टैंक से अब नियमित पानी की सप्लाई नहीं की जाती है, और ऐसी स्थिति में इसे जितने जल्दी हटाया जा सके, उतना ही बेहतर है, इसी के साथ यहां काम करने वाले वाटर गार्डों के लिये भी ये खतरे से कम नहीं है! क्यूंकि उन्हें इस ऊँचे टैंक पर कई बार उतरना चढ़ना पड़ता है, जो क़ी उनकी जान के लिये भी एक खतरा है! इस विषय पर ज़ब हमने विभाग के अधिशाषी अभियंता देवराज से बात की से तो उन्होंने बताया की पुराना टैंक करीब 20 साल पहले बना था, और अब इसकी हालत इतनी दुरुस्त नहीं है की इसको चालू रखा जाये, इसकी जगह विभाग ने नया टैंक बनाया है, जिसको कनेक्शन देकर शुरू कर दिया गया है, और पुराने टैंक को भी जल्द ही डिसमेंटल करने की करवाई शुरू कर दी जाएगी! इसके लिये प्रपोजल बना कर इसे उच्च अधिकारीयों को दे दिया गया है, और जो नया टैंक बनाया गया है, उस नए टैंक से मैहरे और आसपास के गाँवों को पानी की सप्लाई दी जाएगी! लेकिन इस समय ये कहना मुश्किल है की कब तक इस जर्जर हालत में टैंक को डिसमेंटल किया जायेगा!