बड़सर उपमंडल की बणी पंचायत में ऐलोपैथी की डिस्पेंसरी काफ़ी लम्बे समय से चल रही है! लेकिन वहां पर दवाई देने के लिये या उपचार करने के लिये कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं है, ऐसे में लोगों को छोटे मोटे उपचार के लिये या तो प्राइवेट क्लिनिक या फिर मेडिकल स्टोर से जाकर ही दवाई लेनी पड़ती है, या फिर उन्हें बड़सर सिविल अस्पताल का रुख करना पड़ता है!
बणी पंचायत में कुल 11 गाँव आते हैँ! और इन 11 गाँवो में करीब 600 परिवार और 3500 के करीब जनसंख्या है, जिसपर अगर बात करें तो कोई भी डॉक्टर नहीं हैँ!
ऐसे में पंचायत वासी ये मांग कर रहे हैँ की उन्हें स्वास्थ्य की बेसिक सुविधायें उन्हीं के गाँव में मिलनी चाहिए, जुखाम और बुखार का इलाज़ करवाने के लिये हम बड़सर या अन्य जगह पर क्यों जाएं!
इस विषय में ज़ब हमने पंचायत प्रधान शैलज़ा बन्याल से बात की तो उन्होंने कहा की पंचायत के आम लोगों का कहना है की छोटी से छोटी बीमारी का इलाज करवाने के लिये भी उन्हें या तो अपनी गाड़ी में या टैक्सी कर बड़सर अस्पताल या हमीरपुर का रुख करना पड़ता है, ऐसे में जहां एक तरफ उनके पैसे की बर्बादी होती है, वहीं समय की बर्बादी भी होती है! ऐसे में लोगों की ये मांग है की उन्हीं की पंचायत में उन्हें एक डॉक्टर उपलब्ध करवाया जाये, ताकि लोगों को उनके घर द्वार पर स्वास्थ्य लाभ मिल सके!
डॉक्टर राकेश ने बताया की डिस्पेंसरी में केवल हेल्थ वर्कर काम करते हैँ जो समय समय पर वहां आते हैँ, और लोगों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निपटारा करते हैँ! सरकार की तरफ से डिस्पेंसरी में डॉक्टर की कोई पोस्ट नहीं होती!