बड़सर उपमंडल के मैहरे और आसपास के क्षेत्रों में कूड़े की समस्या काफ़ी लम्बे समय से चल रही है! इसको देखते हुए भी अनदेखा किया गया, और इससे पहले न पंचायतों और न ही प्रशासन ने इसे इतनी संजीदगी से लिया, कूड़े के निपटारे की बात केवल व्यापार मंडल पर छोड़ दी जाती थी! लेकिन नई पंचायतों के गठन के बाद और प्रशासन के सहयोग के बाद इस मुद्दे को संजीदगी से लिया जाने लगा है, स्वयं उपमंडलाधिकारी शशि पाल शर्मा इसकी निगरानी कर रहे हैँ! आपको बता दें की मैहरे बाजार और आसपास के क्षेत्रों में जगह जगह कूड़े के ढेर लगते रहे हैँ, पिछले साल तक बाजार का सारा कूड़ा बड़सर पंचायत की आखिरी पहाड़ी से निचे की तरफ दरका दिया जाता था! लेकिन नई पंचायतों के गठन के बाद प्रशासन ने कूड़े की समस्या की गंभीरता को देखते हुए कुछ प्रयास शुरू किये, और 2021 में मैहरे के साथ लगती चार पंचायत प्रधानों के साथ एक मीटिंग की, हालांकि उसका उतना प्रभाव तो नहीं पड़ा, लेकिन फिर भी कोशिशे जारी रहीं! बीच में फैसला लिया गया की कूड़े को अलग अलग कर उसे घुमारवी भेजा जाये, ऐसे में व्यापार मंडल की जीप में बाजार से कूड़ा अलग अलग कर इसे निपटारे के लिये घुमारवी भेजा गया, लेकिन पेट्रोल का खर्च अधिक पड़ने से स्थानीय प्रशासन ने पंचायतों के साथ मिलकर कुछ और करने की सलाह पर चर्चा शुरू की, इसी कड़ी में बड़सर के गलू से आगे पहले जिस पहाड़ी से निचे की तरफ कूड़ा फाइनका जाता था, वहां कूड़े को इक्क्ठा करने के लिये एक शेड का निर्माण किया गया, जहां पर सूखे कूड़े को अलग अलग करके रखे जाने का प्रावधान हुआ, जिसमें कांच की और प्लास्टिक की बोतलें अलग, इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान अलग अलग रखे जाने का प्रावधान हुआ, इसी कड़ी में अभी इस महीने ही sdm प्रशासन ने वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और स्थानीय पंचायतों के साथ मिलकर सूखे कूड़े को अलग किया! जिसमें सुबह सुबह ही स्वयं उपमंडलाधिकारी शशिपाल शर्मा विभिन्न पंचायत प्रतिनिधियों के साथ साफ सफाई के लिये पहुंचे! इसी कड़ी में अब कूड़े के निपटारे के लिये sdm प्रबंधन ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर एक प्रपोजल बनाया था, और साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को ये प्रपोजल सौंपा था, जिस कारण ये शरैडर मशीन उपलब्ध हो पायी!
अधिक जानकारी देते हुए sdm बड़सर शशिपाल शर्मा ने बताया की ज़ब मैं यहां आया तो कूड़े की समस्या को हल करने के लिये लोग उनके पास आते थे, इस कारण उन्होंने ज़ब आसपास क्षेत्रों में जाकर देखा, तो खुले में कूड़े के ढेर लगे हुए देखें, स्वच्छ भारत अभियान के तहत जहां सफाई रखना हम सबकी जिम्मेवारी है, ऐसा सुनिश्चित किया गया, ऐसे में हमारे क्षेत्र में अगर गंदगी के ढेर लगे हों तो ये एक अनैतिक बात है! इसी कारण हमने पंचायतों को साथ लेकर कार्य करना शुरू किया, लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है, और कम संसधनों में किस तरीके से हम बेहतर परिणाम ला सकेंगे इस पर जोर दिया गया, ऐसे में एक प्रपोजल हमने बनाकर भेजा, और साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग हिमाचल प्रदेश ने उस प्रपोजल को स्वीकार करते हुए हमें एक शरैडर मशीन स्पांसर की, इस मशीन में प्लास्टिक से बनी चीज़ों को छोटे छोटे टुकड़ों में काटा जायेगा, और फिर इन टुकड़ों को आगे बेच दिया जायेगा, ऐसे में प्लास्टिक जैसा जगह घेरने वाले और प्रदूषण करने वाले पदार्थ को हम आसानी से रीसायकल करवा सकते हैँ, जिस कारण इस क्षेत्र में प्लास्टिक का कूड़ा कम देखने को मिलेगा, वहीं हम अपनी भूमि और जल को भी प्रदूषित होने से बचा पाएंगे! इसी के साथ लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है की घरों से ही कूड़ा अलग अलग कर निपटारा करें, ताकि समस्या का स्थाई समाधान हो सके!
आपको बता दें की अब जल्द ही श्रेडर मशीन को स्थापित कर लिया जायेगा, जिसके लिये जगह चिन्हित कर ली गयी है, और पंचायत का कहना है की सरकार के दिशानिर्देशानुसार अब जल्द ही इस श्रेडर मशीन का प्रयोग शुरू कर दिया जायेगा! पंचायत ने लोगों से भी अपील की है की वह पंचायतों का सहयोग करें और प्लास्टिक को कम करने में पंचायत की सहायता करें!
अभी केवल प्लास्टिक को कम करने के लिये ये उपाय किया जा रहा है, अगर भविष्य में सरकार और सहायता करती है तो हम क्षेत्र में एक बेहतरीन मॉडल स्थापित कर सकते हैँ!
बड़सर में जल्द ही होगा प्लास्टिक का निपटारा, पंचायत और प्रशासन ने बनाई रणनीति!
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