द राइजिंग यूथ संस्था की स्थापना 2014 में पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से की गयी थी, 2015 से लेकर अब तक संस्था द्वारा 600 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैँ! संस्था में कुल 50 सदस्य हैँ, सदस्यों में अधिकतर संख्या युवाओं की है! पौधारोपण के साथ साथ संस्था द्वारा समय समय पर सफाई अभियान भी चलाया जाता है, जिसमें काफ़ी लोग पिछले कुछ सालों में सवेछा से जुड़कर सफाई अभियान में भाग लेते हैँ!
संस्था के प्रधान एडवोकेट ऋषि धीमान से ज़ब हमने बात की तो उन्होंने बताया की अधिक पौधे लगाना उनका मकसद नहीं है, लेकिन जितने भी पौधे लगाए जाएं उनकी देखभाल करना अधिक महत्वपूर्ण है, जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की 2015 में उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर 200 पौधे लगाने का लक्ष्य लिया, और पौधे लगा भी दिए, लेकिन उनमें से अधिकतर पौधे किसी ना किसी कारणवश नष्ट हो गए, और उसके बाद संस्था ने ये निर्णय किया की कम पौधे लगाए जाएं लेकिन उनकी देखभाल करना जरूरी है! इसके बाद हर साल लगातार अलग अलग जगह पर पौधारोपण का कार्यक्रम किया गया जिसमें 2020 तक करीब 300 पौधे रोपित किये गए! 2020 में ही संस्था ने 2 जगह दलचेहड़ा, और मैहरे चिन्हित कर वहां पर छोटे गार्डन बनाने का निर्णय लिया, जिसमें मुख्य रूप से औषधिय और फलदार पौधे लगाए जाने का निर्णय किया, फलदार पौधे जंगलों में लगाने से जंगली जानवरो का रुख रिहायशी इलाकों में कम हो इस मकसद से आने वाले वर्षों में जंगलों में और अधिक फलदार पौधे लगाए जायेंगे,अभी तक दोनों जगह पर कुल मिलाकर 60 से 70 पौधे रोपित किये जा चुके हैँ,और ये सब पौधे अब सफल हो चुके हैँ, और दिन प्रतिदिन बड़े हो रहे हैँ!संस्था के सचिव कार्तिक शर्मा ने बताया की संस्था द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत समय समय पर मैहरे और आसपास के इलाकों में सफाई अभियान चलाया जाता है, 2021 में गोविन्द सागर झील के किनारे ये स्वच्छता अभियान चलाया गया था, जिसमें करीब 20 लोगों ने भाग लिया था, और वहाँ से 300 के करीब शराब की बोतलें, और 35 किलो प्लास्टिक इक्क्ठा कर उसका सही से निपटारा किया गया था!
संठा का लक्ष्य केवल पर्यावरण के लिये काम करना है, और हम सब स्वंयसेवी इस काम को करने में लगे हैँ! कार्तिक शर्मा ने बताया की संस्था का लक्ष्य बड़सर में अलग अलग जगह पर ऐसा मॉडल सेट करना है जिससे आने वाली युवा पीड़ी को पर्यावरण के लिये काम करने का जज्बा पैदा हो सके! इस साल संस्था द्वारा अभी तक 20 पौधे रोपित किये जा चुके हैँ, जो की संस्था द्वारा बनाये जा रहे गार्डन में लगाए गए हैँ! पौधों के बारे में जानकारी देते हुए कार्तिक शर्मा ने बताया की फलदार पौधों में लूंगाठ, अमरुद, जामुन, आम के पौधे लगाए गए थे, जो सही सलामत हैँ, कुछ पौधे सेब के लगाए गए थे जो सफल नहीं हो पाए, इसी के साथ शीशम, सांगवान,हरड़, आमला आदि के पौधे भी लगाए गए हैँ! इसी के साथ जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की संस्था अब इस विषय पर अधिक बल दे रही है, की जो प्रजातियाँ स्थानीय तौर पर उपलब्ध हैँ उन्हीं को अधिक से अधिक रोपित किया जाये ताकि पौधों का survival रेट और बढ़ाया जा सके, और उसके लिये कोई अतिरिक्त प्रयास न करने पड़े! संस्था द्वारा अभी तक कोई भी सरकारी सहायता नहीं ली गयी है, और शुद्ध रूप से लोगों के चंदे से ही ये अभियान चलाया जस रहा है!