मैहरे बस स्टॉप पर कभी कीचड़ तो कभी धूल से लोगों का सामना होता है! गौरतलब है कि मैहरे बस स्टॉप का एक भाग पिछले काफी समय से कच्चा है,जिस कारण वहां पर बारिश होने पर कीचड़ और धूप होने पर धूल ही धूल हो जाती है। स्थानीय लोगों ने कई बार इसकी शिकायत विभाग के समक्ष की , और मीडिया के माध्यम से भी बार सरकार को चेताया, लेकिन न सरकार न विभाग इस और कोई ध्यान देता था। लेकिन पहले हुई बारिशों के बाद यहां पर कीचड़ ही कीचड़ पसर गया था , और लोगों को बस लेने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, ऐसे में स्थानीय दुकानदार इसको लेकर तल्ख हो गए और मीडिया के माध्यम से सरकार को चेताया अगर इसको रिपेयर नहीं किया जाता तो चक्का जाम की स्थिति उत्तपन की जाएगी, अमर उजाला ने भी इस खबर को छापा था, जिसके बाद रिपेयर का काम शुरू किया गया था!Nhhppwd ने इस काम का जिम्मा लिया था और कहा था की कुछ दिनों में ये पक्का बनकर तैयार हो जाएगा। इस विषय पर जब हमने स्थानीय लोगों से बात की थी तो उन्होंने इसको लेकर खुशी जाहिर की थी,और कहा कि काफी लंबे समय से यहां के हालात खराब थे और बस लेने के लिए लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता था, और दुकानदारों की दुकानदारी पर भी इससे असर पड़ रहा था।
इसके लिए हमने विरोध भी दर्ज करवाया था, लेकिन थोड़ा बहुत मिट्टी को समत्ल करके विभाग ने दोबारा इस जगह पर अपनी आँखें मूँद ली हैँ! गर्मियों के मौसम में अब यहां धूल से लोगों को दो चार होना पद रहा है, क्यूंकि जो मिट्टी उस समय भरी गयी थी, अब वो दोबारा भारी वाहनों की आवाजाही के कारण लोगों के फेफड़ों और दुकानदारों की दुकानों में अपनी जगह बना रही है! स्थानीय दुकानदार, बिन्नी, अंकुश, राणा, सोनी बन्याल, गुरदीप सिंह, सतीश राठौर, सिधुमल आदि का कहना है की गर्मियों में तो जैसे तैसे उन्होंने समय बिता लिया लेकिन आने वाले समय में बरसातें आ रही हैँ, और उस समय फिर पहले जैसे हालात न हों, यही डर हमें सता रहा है, क्योंकि बारिश के कारण यहां कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है, जिस वजह से पैदल चलने वालों को भारी दिक्क़तों का सामना करना पड़ता है, दूसरी और कीचड़ होने की वजह से लोग भी हमारी दुकानों में आने से कतराते हैँ!
इस विषय पर ज़ब हमने nhhppwd के अधिशाषी अभियंता प्रमोद कश्यप से बात की तो उन्होंने बताया की इस बार मिट्टी की जगह एक ख़ास मिक्सचर डाला गया है, जो अधिक समय तक टिकता है, और जैसे ही इस सड़क की मूर्रमत के लिये पैसा आता है उस समय साथ साथ में इसे भी तारकोल या पेवर लगाकर पक्का कर दिया जायेगा!
लेकिन सवाल ये बनता है की, क्या आने वाली बरसातों में फिर लोगों को इस दिक्क़त का सामना करना पड़ सकता है, या उससे पहले कोई बेहतर खबर सुनने को मिलेगी!