बड़सर विधानसभा के महारल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भ्र्ष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी पैसे की लूट का वाक्य सामने आने पर विभाग हरकत में आ गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कोरोना काल में सरकार द्वारा स्कूल के लिए 44 लाख रुपये आवंटित किए गए , और स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा उस रुपये का उपयोग विद्यालय के लिए सामान खरीदने के लिए कर जाना था , सामान तो खरीदा गया लेकिन प्रिंट रेट से अधिक पर , यह आरोप स्कूल में तैनात एक अध्यापक ने ही प्रधानाचार्य पर लगाया है। तथ्य पेश करते हुए अध्यापक ने सुचिवार तरीके से भ्र्ष्टाचार का पर्दाफाश किया है। सूची हम आपके साथ सांझा कर रहे हैं, सूची की बात करें तो इसमें एक साधारण मास्क जिसकी बाजार में कीमत 4 रुपये है , वो एक मास्क 20 में खरीदा गया , कुल 100 मास्क लिए गए जिनकी कीमत 2000 हो गयी , इसी के साथ 140000 के कबड्डी मैट 203840 में खरीदे गए , 1000 का हैंड सैनिटाइजर 2400 में , 37109 रुपये के प्रिंट रेट का साउंड सिस्टम 43789 में खरीदा गया, एक कैसियो जिसकी कीमत 23495 है वो 28261 का खरीदा गया, 25000 मूल्य का वाटर कूलर 35000 में खरीदा गया, इसमें एक लाख रुपये का शादी वाला बैंड लिया गया जिसका कोई उपयोग भविष्य में स्कूल में नहीं दिखता है। फिंगर पल्स ऑक्सिमिटर जिसकी बाजार में कीमत 1999 है वो 2500 में खरीदा गया, इलेक्ट्रिकल स्प्रेर 4237 में खरीदा गया जिसके ऊपर से प्रिंट रेट हटा दिया गया है, 449 का बैडमिंटन रैकेट 1120 रुपये में खरीदा गया। कुल 22400 के 20 रैकेट खरीदे गए। इसी के साथ इथाइल अल्कोहल जिसकी बाजार में कीमत 1000 है वो भी 2400 रुपये में खरीदा गया, इस तरह और भी कई ऐसा आइटम्स हैं जो मूल्य से अधिक दाम पर खरीदा गया है। इसमें जांच के घेरे में तो सभी वस्तुएं हैं , लेकिन जांच का मुख्य केंद्र कबड्डी के मैट हैं जिनकी कीमत 140000 बनती है वो 203840 में खरीदा गया इसी के साथ पौधों के लिए स्टैंड लिए गए , जिनकी कीमत 50000 बनती है और ये भी 80000 के अधिक मूल्य पर लिए गए। आरोप लगाने वाले अध्यापक ने बताया कि लिस्ट काफी लंबी है और जांच होने पर ये घोटाला कई लाख रुपये का होगा। इसी के साथ अध्यापक ने बताया कि तथ्यों के साथ इस लूट का विवरण उच्च अधिकारियों को दे दिया गया है। सवाल ये उठता है कि कोरोना काल में जहां बच्चों की पढ़ाई इतनी प्रभावित हुई है , वहीं दूसरी तरफ एक स्कूल में लाखों रुपये की लूट शिक्षा क्षेत्र में चल रहे घोटालों से एक चिंता का विषय बन जाता है। सरकार द्वारा जो पैसा बच्चों के भले के लिए दिया गया था। उस पैसे की लूट सरकार के लिए भी जरूर एक चिंता का विषय बन गयी है।
Deputy director से जब इस संदर्भ में बात की गई तो उन्होनें कहा कि मामला उनके संज्ञान में है, और मामले की उचित जांच की जा रही है, किसी भी तरह की लूट या लापरवाही अगर पाई जाती है, तो कड़ी से कड़ी करवाई अमल में लायी जाएगी।
स्कूल प्रधानाचार्य से जब हमने बात की तो उन्होनें बताया कि उनकी पोस्टिंग 3 दिन पहले ही स्कूल में हुई है, और मामले की जानकारी उन्होनें विभाग को दे दी है।