हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
दोस्तों, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक ऐसी खबर आई है, जो थोड़ा परेशान करने वाली है। यहां के सरकारी विभागों पर बिजली बिल का बकाया दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और इससे Himachal electricity crisis का रूप लेता जा रहा है। आमतौर पर बिजली बोर्ड साधारण लोगों के खिलाफ सख्ती बरतता है—नोटिस भेजना, कनेक्शन काटना, सब कुछ करता है—लेकिन सरकारी दफ्तरों पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा। नतीजा? बकाया राशि का ढेर लगता जा रहा है, और बिजली बोर्ड पर आर्थिक दबाव भी बढ़ रहा है। चलिए, आपको इस पूरे मसले की सच्चाई बताते हैं, जैसे किसी दोस्त से बात कर रहे हों!
हालात क्या हैं?
बिजली बोर्ड हमीरपुर को उपभोक्ताओं से तकरीबन ₹22.74 crore electricity bill dues वसूलने हैं। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा सरकारी विभागों का है। Jal Shakti Department पर करीब ₹16 crore electricity bill dues और Hamirpur Medical College पर लगभग ₹2.5 crore electricity bill dues लंबित पड़े हैं। बाकी का हिस्सा घरेलू और कॉमर्शियल यूजर्स का है। जिले में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या करीब 2.10 lakh electricity consumers है, लेकिन सरकारी दफ्तरों का बकाया सबसे बड़ी सिरदर्दी बन गया है। बोर्ड समय-समय पर नोटिस भेजता है, लेकिन असर वही ढाक के तीन पात!
आखिर दिक्कत क्या है?
सच कहूं, तो आम आदमी तो बमुश्किल समय पर बिल भरता है, लेकिन सरकारी दफ्तरों को ऐसा कोई दबाव नहीं। Government departments electricity dues बढ़ते जा रहे हैं, और बिजली बोर्ड चुपचाप देखता रहता है। स्थानीय लोग कहते हैं कि जब तक सरकारी दफ्तरों पर भी सख्ती नहीं होगी, ये समस्या खत्म नहीं होगी। मुझे लगता है, ये थोड़ा नाइंसाफी जैसा है—आम जनता पर तो भारी जुर्माना, और सरकारी दफ्तरों को छूट?
बिजली बोर्ड क्या कह रहा है?
बोर्ड के लोग कहते हैं कि वे नियमित तौर पर electricity bill recovery notices जारी कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सरकारी विभागों की ओर से कोई जवाब नहीं, जिससे हालात और पेचीदा हो रहे हैं। बोर्ड का दावा है कि वे इस समस्या को सुलझाने की कोशिश में हैं, पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं दिखा। शायद उन्हें भी समझ नहीं आ रहा कि इन बड़े-बड़े दफ्तरों से पैसे कैसे वसूले जाएं!
जनता की नाराजगी
हमीरपुर की जनता इस बात से खफा है। लोग कहते हैं कि जब हम जैसे आम लोग समय पर बिल जमा करते हैं, तो सरकारी दफ्तरों को इससे छूट क्यों? सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या Himachal electricity crisis से निपटने के लिए सबको बराबर जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए? कईयों का मानना है कि बिजली बोर्ड को Government departments electricity dues पर भी सख्ती दिखानी चाहिए, वरना ये सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा।
आगे क्या होगा?
अगर ये मसला जल्द हल नहीं हुआ, तो electricity bill recovery का बोझ और बढ़ेगा, और जिले की बिजली सप्लाई पर भी असर पड़ सकता है। Bol Chaal News इस खबर पर पैनी नजर रखे हुए है और आपको हर नई अपडेट देगा।
"हमीरपुर, हिमाचल प्रदेशदोस्तों, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक ऐसी खबर आई है, जो थोड़ा परेशान करने वाली है। यहां के सरकारी विभागों पर बिजली बिल का बकाया दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और इससे Himachal electricity crisis का रूप लेता जा रहा है। आमतौर पर बिजली बोर्ड साधारण लोगों के खिलाफ सख्ती बरतता है—नोटिस भेजना, कनेक्शन काटना, सब कुछ करता है—लेकिन सरकारी दफ्तरों पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा। नतीजा? बकाया राशि का ढेर लगता जा रहा है, और बिजली बोर्ड पर आर्थिक दबाव भी बढ़ रहा है। चलिए, आपको इस पूरे मसले की सच्चाई बताते हैं, जैसे किसी दोस्त से बात कर रहे हों!
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दोस्तों, आपका क्या ख्याल है? क्या आपको लगता है कि सरकारी दफ्तरों पर भी बिजली बिल की वसूली के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं और इस खबर को शेयर करें ताकि लोगों का ध्यान इस तरफ जाए!