हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचआरटीसी) की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। सोमवार सुबह जिन बसों को सुबह 5 बजे अपने निर्धारित रूट पर रवाना होना था, वे दो घंटे की देरी से यानी 7 बजे रवाना हुईं। यह देरी न केवल यात्रियों की परेशानी का कारण बनी, बल्कि एचआरटीसी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर गई।
सुबह के समय चंबा बस स्टैंड पर यात्री समय से पहले पहुंच चुके थे, ताकि वे अपने कार्यस्थलों, अस्पतालों, स्कूलों और अन्य जरूरी गंतव्यों के लिए समय पर रवाना हो सकें। परंतु जब निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी बसें नहीं आईं, तो यात्रियों में बेचैनी और नाराजगी बढ़ने लगी। कई यात्रियों ने बताया कि वे अपने कार्यालय या अन्य कामों के लिए नियमित रूप से इन बसों पर निर्भर रहते हैं और इस तरह की अनियमितता से उनका पूरा दिन खराब हो जाता है।

जब बसें आखिरकार दो घंटे देरी से आईं और रवाना हुईं, तब तक यात्रियों का धैर्य टूट चुका था। कुछ लोगों ने एचआरटीसी प्रशासन से शिकायत करने की बात कही, जबकि कई लोग आपसी बातचीत में व्यवस्था की बिगड़ती हालत पर चर्चा करते नजर आए।एचआरटीसी प्रबंधन की ओर से इस देरी का कारण तकनीकी समस्या और स्टाफ की अनुपलब्धता बताया गया। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब बसें निर्धारित समय पर नहीं चलीं। इससे पहले भी समयपालन की कमी के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
समयपालन किसी भी सार्वजनिक परिवहन सेवा की आत्मा होती है। जब एक बस अपने निर्धारित समय से नहीं चलती, तो न केवल एक व्यक्ति, बल्कि उससे जुड़े कई अन्य लोग भी प्रभावित होते हैं। हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में, जहां वैकल्पिक साधन सीमित हैं, वहां एचआरटीसी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
चंबा के लोगों ने एचआरटीसी से अपील की है कि वह इस लापरवाही को गंभीरता से ले और समय पर बस सेवा सुनिश्चित करे। यात्रियों की सुविधा और विश्वास बनाए रखने के लिए समयपालन बेहद जरूरी है।
"हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचआरटीसी) की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। सोमवार सुबह जिन बसों को सुबह 5 बजे अपने निर्धारित रूट पर रवाना होना था, वे दो घंटे की देरी से यानी 7 बजे रवाना हुईं। यह देरी न केवल यात्रियों की परेशानी का कारण बनी, बल्कि एचआरटीसी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर गई।
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