नादौन के सहायक लाइनमैन नितीश भारद्वाज का निलंबन, कर्मचारियों ने विरोध किया
नादौन, हिमाचल प्रदेश: नादौन के तहत रंगस में तैनात सहायक लाइनमैन नितीश भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन आदेश बिजली बोर्ड मंडल नादौन के अधिशाषी अभियंता द्वारा जारी किए गए हैं। हालांकि, निलंबन आदेशों में निलंबन के कारण का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। अधिकारियों ने भर्ती नियमों की अवहेलना का हवाला दिया है।
संघर्ष समिति ने निलंबन के आदेशों पर उठाए सवाल
निलंबन के बाद, विद्युत बोर्ड कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर्स की संयुक्त संघर्ष समिति ने इन आदेशों पर सवाल उठाए हैं और उन्हें वापस लेने की मांग की है। समिति ने आरोप लगाया है कि निलंबन आदेश तानाशाहीपूर्ण तरीके से जारी किए गए हैं और इससे कर्मचारियों की आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
महापंचायत में नितीश ने की थी बोर्ड की नीतियों की आलोचना
गौरतलब है कि नितीश भारद्वाज ने 11 फरवरी को हमीरपुर में आयोजित महापंचायत के दौरान बोर्ड की नीतियों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पदों के खत्म होने और नई भर्तियों की मांग को लेकर संघर्ष समिति के एजेंडे का समर्थन किया था। महापंचायत में दिए गए भाषण के बाद ही उनका निलंबन आदेश जारी किया गया है।
निलंबन आदेशों को लेकर संघर्ष समिति का विरोध
संघर्ष समिति के प्रदेश सह समन्वयक हीरालाल ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से निलंबन आदेश को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि नितीश को निलंबित करने से पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया।
बिजली बोर्ड का बयान
कर्णवीर सिंह पटियाल, अधिशाषी अभियंता, बिजली बोर्ड मंडल नादौन ने कहा कि नितीश भारद्वाज को भर्ती और सेवा नियमों के विपरीत व्यवहार करने के कारण निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में नियमों के तहत जांच की जाएगी और आगामी कार्रवाई की जाएगी।
निलंबन आदेश का विरोध, कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
कुलदीप सिंह खरवाड़ा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, विद्युत बोर्ड पेंशनर्स फोरम ने इस निलंबन आदेश को अलोकतांत्रिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों के अधिकारों पर कुठाराघात है। वहीं, कामेश्वर दत्त शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने भी इस निलंबन आदेश का विरोध किया है और इसे वापस लेने की अपील की है।
संघर्ष समिति ने निलंबन आदेश के खिलाफ जारी किया प्रेस बयान
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीएस डटवालिया ने भी निलंबन आदेश के खिलाफ प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि एकतरफा कार्रवाई से बोर्ड की कार्यप्रणाली प्रभावित होगी। उनका कहना है कि पदोन्नति के अवसर खत्म करने का यह कदम कर्मचारियों के भविष्य को अंधेरे में डाल सकता है।