प्रमुख तिब्बती बौद्ध विद्वान गेशे राचुंग गेंडुन को चीन ने करीब साढ़े तीन साल बाद जेल से रिहा किया है। जेल में राचुंग की सेहत गंभीर रूप से बिगड़ चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें बेहद अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया, जहां उन्हें परिवार से मिलने तक की अनुमति नहीं दी गई।
गिरफ्तारी और सजा
राचुंग को 1 अप्रैल 2021 की रात चीन के नगाबा काउंटी स्थित कीर्ति मठ से गिरफ्तार किया गया था। महीनों तक उनके ठिकाने की जानकारी नहीं मिली। जुलाई 2022 में यह खुलासा हुआ कि राचुंग को दलाई लामा और भारत स्थित कीर्ति मठ के प्रमुख कीर्ति रिनपोछे को पैसे भेजने के आरोप में साढ़े तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
राचुंग का योगदान और पिछली हिरासत
राचुंग तिब्बती बौद्ध धर्म की सर्वोच्च शैक्षणिक डिग्री गेशे की पढ़ाई कर रहे थे। उन्हें इससे पहले 1998 में भी हिरासत में लिया गया था।
जेल की अमानवीय परिस्थितियां
सूत्रों के अनुसार, राचुंग को जेल में अत्यंत खराब परिस्थितियों में रखा गया था, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर असर पड़ा। उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया जिससे उनकी स्थिति और अधिक खराब हो गई।
तिब्बती समुदाय की प्रतिक्रिया
राचुंग की रिहाई से तिब्बती समुदाय ने राहत की सांस ली है, लेकिन उनके साथ हुए अमानवीय व्यवहार और बिगड़ती सेहत को लेकर नाराजगी जाहिर की है।