बड़सर उपमंडल में ऐसे कई गाँव हैँ जहां पर सड़क सुविधा नहीं पहुंच पायी है, ऐसे गाँव भी हैँ, जहां सड़क तो निकाली गयी, लेकिन किसी कारण वह सड़क सुचारु रूप से नहीं चलो सकी, और लोगों को सड़क सुविधा से महरूम रहना पड़ता है, वहीं ऐसे में लोगों को दैनिक तौर तो उनके जीवन में परेशानी होती ही है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाये, और उसे अस्पताल ले जाना हो तो चारपाई पर मरीज को उठाकर कई किलोमीटर उबड़ खाबड़ रास्ते से होकर ले जाना पड़ता है, जिस कारण बीमार मरीज और अधिक परेशान होता है! ऐसा ही एक मामला बड़सर विधानसभा के मसलाना कला गाँव का भी है, आपको बता दें की इस गाँव के लोग सड़क सुविधा न होने के कारण काफ़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैँ, मसलाना कलां गाँव की हरिजन बस्ती में करीब 10 से 12 घर हैँ, जहां कई परिवार कई वर्षों से अपना जीवन यापन कर रहे हैँ, लेकिन आजतक उन्हें सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है, यहां के स्कूल जाने वाले बच्चोँ से लेकर नौकरी पेशा और दिहाड़ी मजदूरी करने से लेकर महिलायें तक पैदल जाने को मजबूर हैँ! हाल ही में हुई घटना में गाँव के एक व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो गए, और उसके बाद उन्हें चारपाई से नीचे मुख्य सड़क में ख़डी एम्बुलेंस तक लाना पड़ा, जिस रास्ते से उन्हें लाया गया, वह बरसात के कारण अब और भी बदतर स्थिति में है! अधिक जानकारी देते हुए आपको बता दें की इस सड़क को पहली बार निकालने का कार्य 2016 में किया गया था, उस समय गाँव के लोग विधायक इंदरदत्त लखनपाल से इस विषय को लेकर मिले थे, उस समय 13 लाख रूपये से यहां 800 मीटर लम्बी एक सड़क का निर्माण किया गया था,लेकिन इसे पक्का नहीं किया गया था, और वहीं गाँव के लोगों का कहना है की उस समय एफिडेविट पर लिख कर लोगों ने ये बात कही थी की सड़क का काम होना चाहिए, और उन्हें इसमें कोई ऐतराज़ नहीं है, लेकिन इस वर्ष ज़ब इसे लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत किया गया, तो गाँव के ही कुछ लोगों ने इस सड़क को बाधित कर दिया, जिस कारण अब जो कार्य होना था वो नहीं हो पा रहा है! ऐसे में इस गाँव के लोगों को अब भारी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है! गाँव के लोगों का कहना है की जो सड़क पहले निकाली गयी थी, वह
गाँव के रहने वाले 55 वर्षीय देश राज का कहना है की गाँव में अगर कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है, और उसमें भी रात को अगर किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाणा हो, तो पूरे गाँव को इक्क्ठा होकर रात को उस मरीज को छोड़ने के लिये जाना पड़ता है, एक बार ऐसे ही करमचंद नाम का एक व्यक्ति रात के समय बीमार हुआ, और उसे चारपाई पर ले जाना पड़ा, लेकिन समय पर डॉक्टरी मदद न मिलने के कारण उस व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी!
गांव की रहने वाली 68 वर्षीय सत्या देवी का कहना है की, जल्द ही फ़सल बीजने का समय आ रहा है, और अगर सड़क जल्द ही नहीं बनाई गयी तो उनके यहां ट्रेक्टर का पहुंचना भी बहुत मुश्किल हो जायेगा, वहीं स्कूल जाने वाले बच्चोँ और बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाना हमारे लिये काफी मुश्किल हो जाता है, ऐसे में हमारी सरकार से गुहार है की जल्द हमारी समस्या का हल किया जाये, और एम्बुलेंस लायक सड़क बनाकर हमे दी जाये!
वहीं 30 वर्षीय पुरषोतम का कहना है की गाँव में अगर कोई निर्माण काडी कराना हो तो काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में हमारे पैसे के साथ साथ समय की भी बर्बादी होती है, वहीं सड़क न होने के कारण राशन से लेकर हर चीज हमें और हमारे परिवार के लोगों को सर पर उठाकर लानी पड़ती हैँ, हालांकि अब काफी कम लोग गाँव में बचे हैँ, काफ़ी लोगों ने अन्य जगह सड़क किनारे मकान भी बना लिये हैँ, लेकिन हर किसी के पास इतना पैसा नहीं है की वह अन्य जगह जमीन लेकर मकान बना सके, और जो यहां बचे हैँ, वह निरंतर नर्क की जिंदगी जी रहे हैँ! हमने कई बार गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक इसका पूरा समाधान नहीं हो पाया है, और समस्या जस की तस बनी हुई है!
हालांकि सड़क निकाली गयी है, लेकिन ये कब तक पक्की होगी इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता!
इस विषय में ज़ब हमने लोक निर्माण विभाग बड़सर के अधिशाषी अभियंता राजिंद्र जुबलानी से बात की तो उन्होंने बताया की इस विषय में लोक निर्माण विभाग ने काफी बार कोशिश की लेकिन गाँव के एक व्यक्ति की मलकियत भूमि सड़क की शुरुआत में आती है, उस व्यक्ति ने इसको लेकर स्टे लिया है, और ज़ब तक कोर्ट का स्टे है तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है, ऐसी अन्य भी कई सडके हैँ जहां मलकियत भूमि पर स्टे के कारण सड़क बनाने का कार्य नहीं किया जा सकता, जैसे ही ये बाधा दूर होगी, उसके बड़ ही सड़क को बनाने का और पक्का करने का कार्य किया जा सकता है!