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धमांदरी पुल के बाढ़ में ध्वस्त डंगे आज तक नहीं लगे

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15 गांवों की लगभग 35000 आबादी को जोड़ता है 200 मीटर लंबा पुल

बजट के अभाव में सिरे नहीं चढ़ रहा पुल का काम, ग्रामीणों को सताने लगी चिंता

नारी (ऊना)। तीन दशक पहले बने 200 मीटर लंबे धमांदरी पुल के पिलरों को मजबूती देने के लिए लगाए क्रेटबाल और डंगे दो वर्ष पहले बाढ़ में बह गए। लोक निर्माण विभाग इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। आज तक इन डंगों को लगाया नहीं गया है। स्थानीय ग्रामीण लंबे समय से अपनी समस्या हर मंच पर शासन और प्रशासन कोे बता रहे हैं। 15 गांवों की 35 हजार आबादी की आवाजाही को यह पुल आपस में जोड़ता है। ग्रामीणों में बलराम बबलू, अजय कुमार, राज कुमार, अमरनाथ, भूपेंद्र कुमार, विष्णु दत्त, परमजीत, चमन लाल का कहना है कि लगभग तीन वर्ष पहले पुल की बुनियाद को मजबूती देने के लिए लोक निर्माण ने गहरी नींव खोदकर पुल के साथ 10 मीटर लंबे और लगभग 15 मीटर ऊंचे क्रेटबाल लगवाए थे। अब यह क्रेटबाल पिछले दिनों आई बाढ़ में बह गए हैं। केवल नींव ही दिखाई दे रही है।

यदि ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले समय में पुल के पिलर कमजोर हो जाएंगे। इससे पुल धराशायी हो जाएगा। पंचायत प्रधान सुनीता देवी ने कहा कि मामला गंभीर है। पंचायत की तरफ से भी कई बार विभाग को अवगत कराया गया है और प्रस्ताव भेजा गया है। विभाग से फिर बात की जाएगी। वहीं, ग्रामीणों में अमरनाथ, विष्णु कुमार, बलराम, नरेश कुमार, अनु बाला, शीला देवी, रामपाल, धर्म सिंह, धीरज कुमार ने विभाग और सरकार से मांग की है कि पुल की मरम्मत का कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए। कहा कि यह पुल धमांदरी, डठवारा, कुडू, पलिया स्तोथर, अंबेडा, जोल बडसाला, डठवाड़ा के साथ लगभग 15 गांवों की आबादी को जोड़ता है।

उधर, लोक निर्माण विभाग के एसडीओ अभिनंदन कुमार का कहना है कि इस पुल के पिलरों को मजबूती देने के लिए क्रेटबाल लगाए थे जो कुछ समय पहले बाढ़ के साथ बह गए हैं। अब जल्द ही इस पर खर्च होने वाले बजट का एस्टिमेट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा। जैसे ही बजट उपलब्ध होगा, काम शुरू करवा दिया जाएगा। कुटलैहड के विधायक विवेक शर्मा का कहना है कि विभाग को एस्टिमेट बनाने के लिए कहा गया है। जैसे ही बजट उपलब्ध होगा। काम शुरू करवा दिया जाएगा।

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