तपोवन स्थित विधानसभा भवन अब सालभर खुला रहेगा। इसी के साथ ही शीतकालीन सत्र के लिए मिनी सचिवालय धर्मशाला को सजाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। पढ़ें पूरी खबर…
तपोवन स्थित विधानसभा भवन अब सालभर खुला रहेगा। जिला प्रशासन इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेजने जा रहा है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो नववर्ष पर पर्यटकों को विधानसभा भवन में प्रवेश की भी अनुमति मिल जाएगी। प्रशासन ने इसके लिए प्रत्येक पर्यटक से नाममात्र शुल्क लेने की योजना बनाई है।इससे सरकार को आय भी होगी। इसी बहाने साफ-सफाई भी होती रहेगी। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी भी विधानसभा का भ्रमण कर सकेंगे। बाल संसद समेत अन्य गतिविधियों के लिए विधानसभा भवन का भ्रमण विद्यार्थियों के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
अमर उजाला ने विस भवन के मेज-कुर्सी में दीमक लगने के मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। दरअसल साल में एक बार तपोवन विधानसभा भवन में शीतकालीन सत्र चलता है। जिसके बाद यह भवन पूरा साल बंद रहता है। भवन में हवा न आने और नमी की वजह से मेज और फर्नीचर को दीमक लग रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस तरफ जल्द ध्यान न दिया तो सात करोड़ की लागत से निर्मित प्रदेश सरकार की इस संपत्ति को नुकसान हो सकता है। अब इस समस्या के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने पर्यटकों के लिए विधानसभा भवन खुला रखने का प्रस्ताव तैयार किया है।
यह संस्थाएं भी कर रहीं कमाई
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट स्टेडियम की ओर से धर्मशाला में निर्मित स्टेडियम में 40 रुपये के नाममात्र शुल्क पर प्रवेश पाया जा सकता है। इसी तरह कांगड़ा कला संग्रहालय धर्मशाला, राज्य शहीद स्मारक धर्मशाला, रॉककट टेंपल मसरूर, कांगड़ा शहर में स्थित प्राचीन किला आदि में प्रवेश के लिए पर्यटकों को शुल्क चुकाना पड़ता है।
तपोवन विधानसभा भवन को पर्यटकों के लिए खोलने से संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। ताकि यहां दीमक की समस्या दूर हो और नाममात्र के शुल्क के भुगतान के बाद पर्यटक विधानसभा को निहार सकें। इस बारे में विधानसभा अध्यक्ष से भी बातचीत हो चुकी है- हेमराज बैरवा, उपायुक्त कांगड़ा।
शीतकालीन सत्र के लिए सजने लगा मिनी सचिवालय धर्मशाला
विधानसभा परिसर तपोवन में प्रस्तावित शीतकालीन सत्र के लिए मिनी सचिवालय धर्मशाला को सजाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री सहित सचिवों आदि के कमरों में मरम्मत कार्य चल रहा है। इसके अलावा परिसर में रंग-रोगन का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। हालांकि, मौजूदा समय में मिनी सचिवालय की हालत अच्छी नहीं है। शौचालयों में गंदगी की भरमार है और नलों में पानी तक नहीं है। शौचालयों को धूम्रपान क्षेत्र बना रखा है। मुख्यमंत्री के कमरे वाली मंजिल के शौचालयों में बीड़ी-सिगरेट के ढेर लगे हैं।
सफाई न होने के कारण इनका इस्तेमाल करना मुश्किल हो रहा है। परिसर को चकाचक करने के लिए सफाई कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। मिनी सचिवालय की सभी मंजिलों पर फर्श भी काफी गंदा है। मिनी सचिवालय की एक दीवार पर छोटे पौधों के लिए गमले दीवारों पर टांगे गए हैं, लेकिन अनदेखी और रखरखाव न होने के कारण पौधे सूख गए हैं और गमलों में केवल सूखी मिट्टी रह गई है। दो दिन से परिसर के कमरों में टूटी दीवारों और खिड़कियों को दुरुस्त किया जा रहा है।
मिनी सचिवालय में मरम्मत का कार्य चला हुआ है। दीवारों पर रंग-रोगन किया जा रहा है। जल्द मिनी सचिवालय में सफाई आदि करवा दी जाएगी। वहीं, पेयजल की सप्लाई के लिए भी जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए गए हैं। विधानसभा सत्र को लेकर अन्य विभागों ने भी कार्य शुरू कर दिया है- हेमराज बैरवा, डीसी कांगड़ा।
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