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शिंगला हेलीपोर्ट की स्थिति:हिमाचल प्रदेश के शिंगला पंचायत में करोड़ों की लागत से बना हेलीपोर्ट, जो रामपुर और अन्य दुर्गम क्षेत्रों के लिए एक अहम आपातकालीन और पर्यटन सुविधा थी, पिछले एक साल से बंद पड़ा है। उड़ान-2 योजना के तहत बनाए गए इस हेलीपोर्ट से शिमला, किन्नौर और चंडीगढ़ जैसे क्षेत्रों के लिए हेली सेवाएं शुरू की गई थीं।
सेवाओं का उद्देश्य:
हेली सेवाएं हेल्थ इमरजेंसी, पर्यटकों और यात्रियों के लिए शुरू की गई थीं। रामपुर से शिमला की यात्रा, जो बस से 3 घंटे लेती है, हेली सेवा के माध्यम से सिर्फ 15 मिनट में पूरी हो सकती है। सप्ताह में तीन दिन (मंगलवार, बुधवार, और गुरुवार) चलने वाली ये सेवाएं अब पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं।
लोगों की मांग:
ग्रामीण लवनीश, दिनेश, और मीरा जैसे स्थानीय लोगों ने सरकार से हेली सेवाओं को जल्द शुरू करने की अपील की है। उनका कहना है कि हेली सेवा बंद होने से हजारों लोग आपातकालीन चिकित्सा और यात्रा सेवाओं से वंचित हो रहे हैं।
पर्यटन और आर्थिक प्रभाव:
रामपुर क्षेत्र, जो चार जिलों (शिमला, मंडी, कुल्लू, और किन्नौर) का व्यापारिक केंद्र है और पर्यटन के लिए भी महत्वपूर्ण है, हेली सेवा बंद होने से प्रभावित हो रहा है। यह हेलीपोर्ट दुर्गम क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनाया गया था, लेकिन इसकी निष्क्रियता ने क्षेत्र की संभावनाओं को सीमित कर दिया है।
सरकार और प्रशासन का रुख:
एसडीएम रामपुर, निशांत तोमर ने बताया कि हेलीपोर्ट सेवाओं की स्थिति पर्यटन विभाग के अधीन है और सेवाओं के बंद होने की जानकारी नहीं है।