शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना के तहत भराड़ीघाट-शालाघाट सेक्शन का टेंडर मार्च 2025 तक जारी होने की उम्मीद है। 12.5 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन में तीन सुरंगें बनाई जाएंगी, जिनकी कुल लंबाई 3.5 किमी होगी। परियोजना की अनुमानित लागत 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है, जो केंद्रीय वित्त समिति की स्वीकृति के बाद तय होगी।
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नौणी-भराड़ीघाट सेक्शन में देरी:
17.5 किलोमीटर लंबे नौणी-भराड़ीघाट फोरलेन का कार्य वन मंत्रालय की मंजूरी के अभाव में अटका हुआ है। इसे मार्च 2023 में गाबर कंपनी को सौंपा गया था, लेकिन अब तक दो बार परियोजना की फाइल आपत्तियों के कारण वापस आ चुकी है। राज्य सरकार इन आपत्तियों को दुरुस्त कर फाइल फिर से केंद्र को भेजने की तैयारी में है।
मटौर-भंगवार सेक्शन:
मटौर से भंगवार तक 20 किलोमीटर लंबा फोरलेन सेक्शन दिसंबर 2024 तक तैयार हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 1,100 करोड़ रुपये है और 90% काम पूरा हो चुका है। भंगवार से हमीरपुर तक का फोरलेन सेक्शन भी 900 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और जून 2025 तक पूरा होने की संभावना है।
परियोजना की चुनौतियां और उम्मीदें:
भराड़ीघाट-शालाघाट सेक्शन का टेंडर मार्च 2025 तक जारी होने की उम्मीद है, जबकि नौणी-भराड़ीघाट सेक्शन वन मंजूरी मिलने के बाद ही शुरू होगा। फोरलेन परियोजना की धीमी प्रगति क्षेत्रीय विकास और यातायात प्रबंधन में बाधा बन रही है।