राजस्थान के नागौर जिले के बुरड़ी गांव में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी। सेवानिवृत्त शिक्षक रामनारायण झाड़वाल ने अपने नाती की शादी में पारंपरिक ‘भात’ (मायरा) भरा, जो राजस्थान की सांस्कृतिक परंपरा है। इस भात में उन्होंने करोड़ों की नकदी, गहने, वाहन और जमीन के दस्तावेज शामिल किए।
क्या है मायरा या भात?
राजस्थान की परंपरा के अनुसार, बहन या बेटी के बच्चों की शादी में ननिहाल पक्ष की ओर से नकद, कपड़े, गहने और अन्य उपहार दिए जाते हैं। इसे मायरा या भात कहते हैं। इसे परिवार की प्रतिष्ठा और स्नेह का प्रतीक माना जाता है।
भव्य आयोजन और भात में दी गई वस्तुएं
रामनारायण झाड़वाल अपने दोहिते की शादी में 250 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे। भात में उन्होंने दिए:
1 करोड़ से अधिक नकदी
एक ट्रैक्टर-ट्रॉली और एक कार
सोने-चांदी के आभूषण
जमीन के दस्तावेज
इस पूरे आयोजन पर लगभग 2 करोड़ रुपये का खर्च आया। रामनारायण ने बताया कि उनका सपना था कि बेटी के बेटे की शादी में भात भरने का रिकॉर्ड बनाएं।
पारंपरिक रस्मों का महत्व
यह आयोजन राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है, जहां मायरा भरने की रस्म परिवार के बीच संबंधों को मजबूत करती है। रामनारायण ने इसे अपने जीवन का सबसे खास सपना बताया और इसे पूरा करने पर गर्व व्यक्त किया।
सारांश
यह आयोजन न केवल भव्यता का प्रतीक है बल्कि पारंपरिक मूल्यों और परिवार की भावनाओं को भी उजागर करता है। यह शादी नागौर जिले और पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन गई है।
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