हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की तैयारी
हिमाचल प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की योजना है। इस बदलाव के तहत सभी स्कूलों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। प्रदेश के कुछ स्कूलों ने पहले ही अपने स्तर पर शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड तय किया है, और अब यह व्यवस्था सभी सरकारी स्कूलों में लागू करने की तैयारी है।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर के अनुसार, शिक्षक विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होते हैं, और उनकी ड्रेस और व्यवहार का बच्चों पर सीधा असर पड़ता है। जिन स्कूलों में पहले से ड्रेस कोड लागू किया गया है, वहां बदलाव देखा गया है। ऐसे में सभी स्कूलों के शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करना जरूरी माना जा रहा है।
बीते वर्ष, हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक ड्रेस कोड लागू किया गया था। कई स्कूलों के प्रिंसिपलों ने शिक्षकों के आग्रह पर इसे लागू करने की सिफारिश की थी, और अब सरकार की मंजूरी के बाद यह व्यवस्था शुरू की गई है।
नए ड्रेस कोड के तहत, शिक्षकों के लिए फॉर्मल ड्रेस तय की जा सकती है, जबकि शिक्षिकाओं के लिए साड़ी या साधारण सूट-सलवार को अपनाने की संभावना है। देश के कई राज्यों में पहले से ही सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू है।
शिक्षकों के लिए ड्रेस के रंग तय करने के लिए अधिकारियों ने अन्य राज्यों के ड्रेस कोड का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। साथ ही, विषय विशेषज्ञों से भी इस पर सलाह ली जा रही है। शिक्षकों के फैशनेबल कपड़े पहनकर स्कूल आने पर पहले ही प्रदेश में रोक लगाई जा चुकी है।
उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, शिक्षक विद्यार्थियों के लिए आदर्श होते हैं। बच्चों का व्यवहार अक्सर अपने शिक्षकों के तौर-तरीकों से प्रभावित होता है, इसलिए शिक्षकों पर यह जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन करें।
इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को एक अनुशासित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करना है, जिससे उनका व्यक्तिगत और शैक्षणिक विकास बेहतर हो सके।