आपको बता दें की भकरेड़ी पंचायत के झटूंडा गाँव में शिवा प्रोजेक्ट के तहत मौसमी के फलदार पौधों का रोपण किया जा रहा है, इस प्रोजेक्ट में कुल 8 करोड़ रूपये की लागत आने वाली है, वहीं पौधों की बात करें तो कुल 8000 पौधे रोपित किये जायेंगे, प्रोजेक्ट की नींव 2020 में रखी गयी थी, लेकिन किसानों से बात करते और कोरोना काल को मिला लें तो प्रोजेक्ट पर कार्य एक साल पहले शुरू हुआ, जिसमें 225 कनाल भूमि को चिन्हित कर उसमें बाढ़बंदी का कार्य शुरू किया गया, खेतों में प्रोजेक्ट के तहत इलेक्ट्रिक फेंसिंग करवाई गयी है!
वर्तमान समय में इस प्रोजेक्ट क तहत 150 किसान ऐसे हैँ जो इससे सीधे तौर पर जुड़ें हैँ, लेकिन आजकल ये प्रोजेक्ट कुछ विवादों से घिर गया है, स्थानीय किसान जो इसमें शामिल हैँ उनका कहना है की प्रोजेक्ट के एलपीजी काम में अनियमिताएं बरत रहे हैँ, न उन्हें कोई एमओयू की कॉपी दी गयी है और न ही कार्य सही तरीके से चल रहा है, किसान अमर सिंह, जसवंत, लवली, प्रकाश, मदन आदि का कहना है की पौधारोपण शुरू कर दिया गया है, लेकिन पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है, जो water टैंक बनने थे, जो ड्रिप इरीगेशन के लिये पाइपलाइन बिछनी थी, वो भी नहीं बिछाई गयी है! वहीं खेतों में खरपतवार होने के बावजूद उसे वहां से नहीं निकाला गया है, और पौधे रोपित किये जा रहे हैँ, ऐसे में ये पौधे कैसे फलेंगे ये किसानों का दावा है! हालांकि इस प्रोजेक्ट लग जाने और इसके सफल होने पर यहां के स्थानीय लोगों कों फायदा होगा, लेकिन अगर इसी तरीके से अनियमिताएं रहीं और किसानों को विश्वास में नहीं लिया गया तो ये प्रोजेक्ट खटाई में पड़ सकता है!

इस विषय में ज़ब हमने बागवानी विभाग के उप निदेशक राजेश्वर परमार से बात की तो उन्होंने कहा की हमने किसानों की समस्याओं कों सुना है, और इसके मदयनजर सोमवार तक इस पर किसानों से बात कर समाधान निकाला जायेगा, ताकि प्रोजेक्ट जल्द से जल्द पूरा हो सके!
