Hamirpur HP News Barsar के अनुसार, दाँदडू पंचायत का मौजूदा भवन 1957 में बनाया गया था। यह भवन लंबे समय से पंचायत की पहचान रहा है और यहीं से सभी सरकारी कामकाज किए जाते रहे हैं।
लोगों का कहना है कि यह Panchayat Bhavan केवल एक इमारत नहीं, बल्कि गांव के सामाजिक और प्रशासनिक जीवन का केंद्र है।
Renovation and Additions Over the Years
ग्रामीणों ने बताया कि 2002 में इस भवन को पक्का कर दिया गया और नए कमरे जोड़े गए, जिससे यह और मजबूत हो गया। हालांकि, 2010 में एक दीवार पर दरार जरूर आ गई थी, लेकिन तब भी पंचायत कार्यालय यहीं से चलता रहा।
इसलिए, स्थानीय लोगों का मानना है कि भवन में मरम्मत करके इसे सुरक्षित बनाया जा सकता था, बजाय इसके कि इसे अचानक Panchayat Office Shift करने का फैसला लिया जाए।
Read Also: Hamirpur Hp News: हमीरपुर की बेटी दिशा ने UGC NET JRF परीक्षा में 123वां स्थान
Decision to Shift the Panchayat Office Sparks Anger
एक सप्ताह पहले पंचायत कार्यालय को 2 किलोमीटर दूर एक अन्य भवन में शिफ्ट कर दिया गया। इस decision to shift Panchayat Office का स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह कदम भवन की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया था, तो पहले उनसे राय ली जानी चाहिए थी।
Local protest in Danddu Panchayat लगातार बढ़ता जा रहा है, और लोग इसे अपनी सुविधाओं के खिलाफ मान रहे हैं।
Local Residents Demand Transparency
ग्रामीणों का आरोप है कि यह निर्णय without consultation with local residents लिया गया है। पंचायत क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यदि भवन खतरनाक स्थिति में था, तो पंचायत कार्यालय को मौजूदा भवन के आसपास ही किसी किराए के भवन में शिफ्ट किया जा सकता था।
स्थानीय निवासी—Vaid Prakash, Gorakh Singh, Shashipal, Rakesh Kumar, Sikhdev—ने कहा कि इस तरह की मनमानी से जनता को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
Read Also: Himachal Pradesh News : बाढ़ राहत के लिए PM Modi ने घोषित किए ₹1500 करोड़
Call for Reconsideration of the Decision
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस निर्णय पर reconsideration किया जाए। उनका कहना है कि Panchayat Office relocation जनता की सहमति के बिना नहीं होना चाहिए।
लोगों का सुझाव है कि पुराने भवन की मरम्मत कर इसे सुरक्षित बनाया जाए या फिर आसपास किसी किराए के भवन में कार्यालय चलाया जाए, ताकि गांव के लोगों को दिक्कत न हो।