Follow

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use
Buy Now
FacebookTwitterInstagramYoutube

मिड-डे मील की रिपोर्टिंग में लापरवाही: 7 जिलों के 93 स्कूलों को नोटिस जारी, जानें पूरा मामला

Hamacal Parathasha Ucaca Shakashha Nathashalya 212c46f40db416ad0d4a180ef5773fdc 1Hamacal Parathasha Ucaca Shakashha Nathashalya 212c46f40db416ad0d4a180ef5773fdc 1

उच्च शिक्षा निदेशालय ने मिड-डे मील की रोजाना जानकारी नहीं देने पर सात जिलों के 93 स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं।

मिड-डे मील की रोजाना जानकारी नहीं देने पर सात जिलों के 93 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रभारियों को तय समय में पूरा रिकॉर्ड अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूलों को मिड-डे मील योजना के लिए वास्तविक समय रिपोर्टिंग करना भी अनिवार्य किया गया है। चंबा, शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर और मंडी जिला के 31 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, 40 मिडल स्कूलों और 22 हाई स्कूलों की ओर से रोजाना मिड-डे मील की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही है।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि मिड-डे मील योजना के कार्यान्वयन के संबंध में भारत सरकार ने सभी स्कूल अधिकारियों को इस योजना के तहत पात्र छात्रों को दिए जाने वाले भोजन की दैनिक वास्तविक समय रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार विभिन्न सरकारी स्कूलों (जीपीएस, जीएमएस, जीएचएस और जीएसएसएस) के प्रत्येक मिड-डे मील शिक्षक प्रभारी को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबरों का उपयोग करके टोल-फ्री नंबर 15544 पर एसएमएस के माध्यम से दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है।



इस रिपोर्टिंग का उद्देश्य नामांकित छात्रों को दिए जाने वाले भोजन पर सटीक डेटा प्रदान करना है। अधिकारियों को भोजन वितरण की स्पष्ट तस्वीर देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कार्यक्रम को उसके दिशानिर्देशों के अनुसार निष्पादित किया जा रहा है। रिपोर्ट सभी स्कूल कार्य दिवसों पर प्रस्तुत की जानी चाहिए। यह प्रणाली यह निगरानी करने में भी मदद करती है कि आवंटित भोजन इच्छित छात्रों को परोसा जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि बीते दिनों सामने आया कि 93 स्कूल नियमित आधार पर रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। इस कारण भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों स्तरों पर विभाग के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो रही है।

हो सकती है अनुशासनात्मक कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस रिपोर्टिंग आवश्यकता का पालन करने में विफलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो स्कूल दैनिक एसएमएस रिपोर्टिंग में चूक करना जारी रखते हैं, उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें दंड या अन्य प्रशासनिक परिणाम शामिल हो सकते हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि पीएम पोषण योजना की सफलता समय पर और सटीक डेटा संग्रह पर बहुत अधिक निर्भर है। ये रिपोर्ट न केवल भोजन वितरण की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करती है, बल्कि स्कूलों में बाल पोषण आवश्यकताओं को संबोधित करने में कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में भी मदद करती है। उन्होंने डिफॉल्टर स्कूलों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।

Advertisement


Add a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Submit Comment

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use
Advertisement