मंगलवार को राधा-कृष्ण मंदिर गंज बाजार में शिव-पार्वती विवाह की रस्में शुरू हो जाएंगी। उज्जैन से शिव-गौरा की मिट्टी की बनीं मूर्तियां लाई गई हैं।
राधा-कृष्ण मंदिर गंज बाजार में मंगलवार से शिव-पार्वती विवाह की रस्में शुरू हो जाएंगी। हिंदू रीति-रिवाजों के साथ यह विवाह होगा। दोपहर 3:00 बजे से श्रद्धालु मेहंदी और हल्दी की रस्में शुरू करेंगे। इसके बाद 4 बजे महिला संगीत कार्यक्रम शुरू होगा। इसके बाद शिव-गौरा को परंपरा के अनुसार बटना लगेगा।
उज्जैन से शिव-गौरा की मिट्टी की बनीं मूर्तियां लाई गई हैं। इसके साथ ही नारदमुनि, विष्णु, ब्रह्मा, वीरभद्र की भी मूर्तियां लाई हैं। मंदिर में लगाई चौकियों पर मंगलवार को शिव-गौरा की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। शाम 5:00 बजे राम मंदिर से वधु पक्ष की ओर से शगुन आएगा। मंदिर में वधु पक्ष का भव्य स्वागत किया जाएगा। पार्वती की मूर्ति रात को राम मंदिर ले जाई जाएगी।
भगवान भोले के लिए वधु पक्ष वाले कपड़े, फल और मिठाइयां लाएंगे। महाशिवरात्रि के दिन बुधवार सुबह 9 बजे शिवजी को सेहरा बांधा जाएगा। सुबह 11:00 बजे मंदिर से बरात निकलेगी। दोपहर दो बजे राम मंदिर में बारात पहुंचने के बाद सीढ़ी पूजा होगी। इसके बाद शिव भक्त परिवार की ओर से शाम 4 बजे से माता-पार्वती और शिवजी के लग्न की रस्में शुरू की जाएंगी। उज्जैन से आए पंडित भरत महाराज विवाह पढ़ेंगे।
शिमला में यह आठवीं बार शिव-गौरा विवाह करवाया जा रहा है। रीति-रिवाजों के साथ शाम 5 बजे माता पार्वती की राम मंदिर से विदाई होगी। शाम 6:30 बजे राधा-कृष्ण मंदिर गंज बाजार में वधु प्रवेश होगा। माता गौरा के ससुराल आने पर मंदिर में आतिशबाजी की जाएगी। इसके बाद रात्रि चार पहर पूजा की जाएगी और 27 फरवरी को अन्नपूर्णा भंडारा होगा।
झांकियों में दिखेंगे देवता और भूत प्रेत
उज्जैन से आए तीस लोगों का दल शिव, पार्वती, अघोरी, अर्ध्यनारेश्वर, ब्रह्म, विष्णु, नारद, भूत-प्रेत की झांकियां निकालेंगे और डमरू वादन करेंगे। बरात राधा-कृष्ण मंदिर से निकलकर लोअर बाजार होते हुए सीटीओ चौक तक जाएगी। इसके बाद वहां से लोअर बाजार होते हुए शेयर ए पंजाब तक जाएगी। इसके बाद बरात राम मंदिर तक जाएगी।