सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अपडेट:
महाधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए एक कमेटी का गठन करने पर विचार किया जा रहा है। सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी ताकि भर्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
हाईकोर्ट की कार्रवाई:
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। 7 नवंबर को हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन द्वारा की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगाई थी। अदालत ने कंपनियों और उम्मीदवारों के डाटा को वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ता के आरोप:
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में लगभग 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। साथ ही, भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की नीति के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को आउटसोर्स किया जा सकता है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी के पद भी आउटसोर्स किए जा रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
- याचिकाकर्ता ने फर्जी कंपनियों और नियमहीन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
- सरकार पारदर्शी प्रक्रिया के लिए कमेटी का गठन कर रही है।
- हाईकोर्ट ने सभी भर्तियों पर रोक लगाते हुए डाटा सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं।