Shimla ATM Fraud Case: दोस्त ने चुराए ATM कार्ड, 42,000 रुपये निकाले; अदालत ने एक को ठहराया दोषी, दूसरा बरी
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपने ही दोस्त के डेबिट कार्ड चुराकर 42,000 रुपये निकाल लिए। अदालत ने इस मामले में एक आरोपी को दोषी करार दिया, जबकि दूसरे को आरोपों से बरी कर दिया। पढ़ें पूरी खबर…
पूरा मामला
यह घटना 22 मार्च 2012 की है, जब न्यू शिमला थाना क्षेत्र में शिकायतकर्ता सुरजीत सिंह ने अपने दो डेबिट कार्ड चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई। उसे तब इस चोरी का पता चला जब बैंक की ओर से 31,000 रुपये (एक्सिस बैंक) और 11,000 रुपये (एसबीआई) की निकासी के मैसेज आए।
जांच में हुआ खुलासा
जांच के दौरान पुलिस ने शिकायतकर्ता के मोबाइल कॉल डिटेल की जांच की। पता चला कि 21 मार्च की रात को आरोपी विकास वालिया (ग्राम त्रम्बलु, धर्मशाला) ने शिकायतकर्ता के कमरे से डेबिट कार्ड चुराए। विकास को पहले से कार्ड के पिन नंबर पता थे।
विकास ने अगले दिन अपने दोस्त दीपक कुमार (नगरोटा बगवां, कांगड़ा) को शिमला मॉल रोड पर बुलाकर एक एटीएम से पैसे निकालने को कहा। दीपक ने पैसे निकालकर राशि विकास को सौंप दी।
अदालत का फैसला
- दोषी करार: अदालत ने विकास वालिया को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 380 के तहत दोषी ठहराया।
- बरी: दीपक कुमार को धारा 380, 420, और 34 के तहत आरोपों से बरी कर दिया गया।
कानूनी कार्रवाई और पूछताछ
मामले की जांच तत्कालीन एएसआई तिलक राज ने की। पूछताछ के दौरान विकास ने स्वीकार किया कि उसने 21 मार्च की रात दोस्त के कमरे से डेबिट कार्ड चुराए और अगले दिन चोरी की योजना को अंजाम दिया।
निष्कर्ष
यह मामला दोस्ती और विश्वास पर गहरा सवाल उठाता है। ऐसे अपराधों से बचने के लिए एटीएम कार्ड और पिन नंबर को गोपनीय रखना बेहद जरूरी है।