हिमाचल प्रदेश में राशन वितरण में गड़बड़झाले की संभावना को शून्य करने के लिए नई व्यवस्था लागू की गई है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित बच्चों का फोटो कार्यकर्ता सहित पोषण ट्रैकर पर अपलोड करने के बाद ही अब राशन पकेगा।
प्रदेशभर में आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित बच्चों का फोटो कार्यकर्ता सहित पोषण ट्रैकर पर अपलोड करने के बाद ही अब राशन पकेगा। महिला बाल विकास विभाग निदेशालय की ओर से इस बाबत सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस व्यवस्था से अब राशन वितरण में गड़बड़झाले की संभावना शून्य होगी। मसलन अब जितने बच्चों का फोटो अपलोड होगा, उतनी ही तय मात्रा में राशन और सुबह के स्नैक्स की एंट्री ऑनलाइन दर्ज होगी।
आंगनबाड़ी केंद्र के खुलते ही केंद्र में पहुंचे बच्चों को सुबह के स्नैक्स दिए जाएंगे। स्नैकस के दौरान ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बच्चों सहित सेल्फी लेकर पोषण ट्रैकर पर अपलोड करनी होगी। इस ट्रैकर पर फोटो अपलोड होने के बाद केंद्र में अन्य गतिविधियां शुरू होंगी। यदि तकनीकी कारणों से स्नैक्स के वक्त फोटो अपलोड नहीं होता है, तो भोजन से पहले यह सेल्फी अथवा फोटो अपलोड करना अनिवार्य होगा।
हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 18 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें हजारों बच्चे हर दिन पहुंचते हैं। इन बच्चों को सरकार की ओर से निशुल्क राशन मुहैया करवाया जाता है। राशन वितरण में किसी तरह की कोई गड़बड़ न हो यह अब पोषण ट्रैकर एप से सुनिश्चित होगा।
तीन साल से छोटे बच्चे अथवा मां का फोटो जरूरी
आंगनबाड़ी केंद्र में छह साल तक के बच्चों को पोषण के लिए राशन मिलता है। तीन साल तक की उम्र के बच्चों और उनकी मां को घर के लिए राशन दिया जाता है। इन बच्चों को राशन वितरण के दौरान भी बच्चे अथवा मां का लाइव फोटो एप के जरिये अपलोड करना अनिवार्य किया गया है।
हमीरपुर जिले में 1,351 आंगनबाड़ी केंद्रों में निर्देश मिलते ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस व्यवस्था में आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की हाजिरी के साथ फोटो अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। यह कार्य हर दिन करना होगा-अनिल कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला बाल विकास विभाग, हमीरपुर