बड़सर में एफडीआर तकनीक से सड़कों का निर्माण, हिमाचल में पहली बार

बड़सर उपमंडल की दो सडके बन रही एफडीआर तकनीक से, इसमें बड़सर से चम्बेह, और बड़सर, गुजरेड़ा नेरी सम्पर्क सड़क एफडीआर तकनीक से बनाई जा रही है, हिमाचल प्रदेश में पहली बार एफडीआर तकनीक से सड़क बनाने का कार्य किया जा रहा है

एफडीआर की जानकारी देते हुए आपको बता दें की ये फुल डेपथ रेक्लेनेशन तकनीक है जिसमें सड़क बनाने के लिये रेता बजरी की आवश्यकता बिलकुल न के बराबरहो जाती है, और ऐसे में माइनिंग करने की जरूरत नहीं पड़ती है, वहीं इसे मॉडल के रूप में इससे पहले उत्तर प्रदेश में बनाया जा चुका है, इसके लिये बड़सर अधिशाषी अभियंता उत्तर प्रदेश में यें तकनीक कोसे काम करती है, उस बारे में जानकारी लेने के लिये जा चुके हैँ, सड़क बनाने के लिये सीमेंट और लोकल एडिटिव का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यें सड़क बनाने की तरह इकोफ्रेंडली हो जाती है! आपको बता दें की बड़सर से चम्बेह सड़क जिसकी लम्बाई करीब 8 किलोमीटर है, और ये करीब 6.68 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है, वहीं बड़सर नेरी गुजरेड़ा सड़क जोकी 11 किलोमीटर लम्बी है, और यें करीब 8.35 करोड़ रूपये की लागत से बनाई जा रही है!इस विषय में अधिशाषी अभियंता बड़सर राजिंद्र जुबलानी ने बताया की हमारे लिये यें गर्व की बात है की बड़सर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश की पहली एफडीआर तकनीक की सड़क बनाई जा रही है! दोनों सड़कों का कार्य प्रगति पर है,

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इसमें बड़सर, गुजरेड़ा, नेरी सड़क में y कार्य पूरा कर लिया गया है, और पहली लेयर डाली जा चुकी है, और बड़सर, चम्बेह सड़क पर एफडीआर का कार्य चल रहा है, दोनों सड़कों पर टारिंग मार्च माह में की जाएगी, वहीं दोनों सड़को के चौडीकरण का कार्य भी चल रहा है, और 400 मीटर रोजाना के हिसाब से करीब तीन माह में बड़सर चम्बेह सड़क पर एफडीआर का कार्य भी पूरा कर लिया जायेगा!

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