राजनीति

अनुबंध कर्मियों को नहीं मिलेंगे नियमित कर्मचारियों के लाभ, विधानसभा में चार बिल पास

अनुबंध कर्मियों को नियमित कर्मचारियों जैसे लाभ नहीं, हिमाचल विधानसभा में चार अहम बिल पारित

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को चार महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिनमें हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक, पंचायती राज संशोधन विधेयक, और पुलिस अधिनियम संशोधन विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा, भूजोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक पारित होने के बाद भोटा अस्पताल की 30 एकड़ जमीन राधास्वामी सत्संग ब्यास ट्रस्ट को हस्तांतरित की जा सकेगी।

अनुबंध कर्मचारियों के लाभों पर निर्णय

हिमाचल प्रदेश सरकार ने अनुबंध कर्मियों के लिए सेवा शर्तों को नियमित कर्मियों से अलग करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि अनुबंध कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के समान लाभ देना राज्य के खजाने पर अतिरिक्त भार डालेगा और वरिष्ठता को भी प्रभावित करेगा। इस संशोधन का उद्देश्य त्रुटियों को दूर करना है, जिससे नियमित कर्मचारियों की वरिष्ठता और पदोन्नति सुरक्षित रह सके।

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विपक्ष का विरोध

विपक्षी विधायकों ने विधेयक को पिछली तिथि से लागू करने का विरोध किया। उनका कहना है कि इससे पहले ही पदोन्नति प्राप्त अनुबंध कर्मियों को नुकसान होगा। भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि यह विधेयक अनुबंध कर्मचारियों के लिए समस्या खड़ी करेगा और इसे लागू करने की तिथि पर पुनर्विचार करना चाहिए। अन्य विधायकों ने भी इसे वापस लेने और सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की।

धर्मार्थ संस्थाओं के लिए जमीन हस्तांतरण पर बिल पारित

भूजोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 पारित होने के बाद, राधास्वामी सत्संग ब्यास ट्रस्ट को भोटा अस्पताल की 30 एकड़ जमीन हस्तांतरित की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस विधेयक को प्रदेश के हितों के अनुकूल बताते हुए कहा कि नेक कार्यों के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक के दुरुपयोग की संभावना पर चिंता व्यक्त की और इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की।

विधेयकों की मुख्य बातें:

  1. अनुबंध और नियमित कर्मचारियों की सेवा शर्तों में अंतर: अनुबंध कर्मियों को नियमित कर्मचारियों जैसे लाभ नहीं मिलेंगे।
  2. भूजोत अधिकतम सीमा विधेयक: 30 एकड़ तक की जमीन केवल धर्मार्थ या चैरिटेबल संस्थाओं को हस्तांतरित की जा सकेगी।
  3. पंचायती राज और पुलिस अधिनियम संशोधन विधेयक: स्थानीय शासन और पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए संशोधन।
  4. सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हित सर्वोपरि हैं और नेक कार्यों के लिए जरूरी संशोधन किए गए हैं।

निष्कर्ष

हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को चार महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कर अपनी प्राथमिकताओं को रेखांकित किया है। हालांकि, इन विधेयकों पर विपक्ष का विरोध जारी है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रदेश के विकास और हितों को ध्यान में रखकर किए गए कदम हैं।

Arvind Maurya

Arvind Maurya, a dedicated local news reporter, specializes in bringing grassroots stories to light with accuracy and passion. With a knack for uncovering community issues, Arvind Maurya ensures every voice is heard.

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