मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को बिजली बिल पर मिलने वाली सब्सिडी बंद हो गई है। बीते महीने सुक्खू ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने का फैसला लिया था।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को बिजली बिल पर मिलने वाली सब्सिडी बंद हो गई है। बीते महीने सुक्खू ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने का फैसला लिया था। अब बोर्ड ने मुख्यमंत्री को जनवरी महीने में उनके सरकारी और निजी आवास पर लगे दो मीटरों पर 30,450 रुपये को बिल जारी किया है। इससे बोर्ड को 1,550 रुपये का फायदा हुआ है। उनके दोनों निवासों पर दिसंबर के मुकाबले जनवरी में 646 यूनिट बिजली कम खर्च हुई।
सब्सिडी छोड़ने के फैसले के बाद बोर्ड ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और अफसरों सहित कुछ वर्गों को बिना सब्सिडी बिजली के बिल जारी किए हैं। हालांकि, अभी बोर्ड के पास इसका पूरा डाटा नहीं है। सीएम सुक्खू के साथ में शिमला शहर के विधायक हरीश जनारथा और बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप को बिजली सब्सिडी मिलना बंद हो गई है। बोर्ड ने इन उपभोक्ताओं के जनवरी में बिल जारी किए है। इन्हें 125 यूनिट मुफ्त योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
जनवरी में सीएम के सरकारी आवास के मीटर का 27,298 और निजी आवास के मीटर का 3,152 रुपये का बिजली जारी हुआ है। विधायक हरीश जनारथा के मेट्रोपोल आवास के मीटर का 3,714 रुपये का बिल है। सब्सिडी छोड़ने के बाद सीएम के निवासों पर बिजली की खपत कम हुई है। विधायक जनारथा की दिसंबर के मुकाबले जनवरी में 115 यूनिट अधिक बिजली खर्च हुई है। बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार के ब्रॉकहास्ट मीटर का 1470 रुपये का बिजली जारी हुआ है। हिमाचल में 23.55 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। अब तक 12,990 घरेलू बिजली उपभोक्ता सब्सिडी छोड़ चुके हैं।
सीएम का तर्क, बोर्ड को होगा 200 करोड़ का फायदा
मुख्यमंत्री का मानना है कि प्रदेश बिजली बोर्ड को सब्सिडी छोड़ने से 200 करोड़ का फायदा होगा। ऐसे में घाटे में चल रहे बिजली बोर्ड को इससे उबरने में मदद मिलेगी।