हिमाचल पर केंद्र की भारी सख्ती, अब सीधे सरकार की ट्रेजरी में नहीं जाएगा बजट


केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने हिमाचल प्रदेश सरकार को एक पत्र भेजा है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि केंद्र से वित्तपोषित योजनाओं के लिए स्पर्श व एसएनए के तहत बजट जारी किया जाए। 

हिमाचल प्रदेश सरकार पर केंद्र ने भारत सरकार से आने वाले फंड को खर्च करने की व्यवस्था में भारी सख्ती की है। अब सभी केंद्रीय योजनाओं का बजट सीधे राज्य सरकार की ट्रेजरी में नहीं जाएगा। केंद्र से वित्तपोषित योजनाओं पर यह सख्त रवैया दिखाया गया है। राज्य सरकार को केंद्र से वित्तपोषित ऐसी पांच योजनाओं का ब्योरा भी देने को कहा गया है, जिनमें इस प्रावधान को सख्ती से लागू किया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इस संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार को एक पत्र भी भेजा है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि केंद्र से वित्तपोषित योजनाओं के लिए स्पर्श व एसएनए के तहत बजट जारी किया जाए। एसएनए-स्पर्श केंद्र और राज्यों के बीच समेकित निधियों का ‘जस्ट-इन-टाइम’ में आदान-प्रदान करने की व्यवस्था है। इसे समायोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण कहा जाता है। इस प्रावधान के जरिये केंद्र सरकार राज्यों के फंड प्रवाह पर नजर रखती है, जिससे यह तय होता है कि केंद्र से मिले फंड का सही इस्तेमाल हो रहा है। सूत्रों के अनुसार बजट को राज्य सरकार किसी और कार्य में डायवर्ट न करे, इसलिए यह कदम उठाया गया है। कई राज्यों में ऐसा हुआ है तो ऐसी व्यवस्था हिमाचल प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में लागू होगी।

मुख्य सचिव और प्रधान सचिव वित्त के बीच हुई मंत्रणा
केंद्र सरकार से इस प्रावधान को सख्ती से लागू करने के पत्राचार को लेकर बुधवार को राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार के बीच गंभीर मंत्रणा हुई। दोनों ही अधिकारियों ने इससे वित्तीय प्रबंधन पर पड़ने वाले असर पर भी चर्चा की।

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