हिमाचल में छह माह के लिए टला जनगणना का काम, सीमाएं फ्रीज कर केंद्र को भेजनी होगी रिपोर्ट

प्रदेश में छह माह के लिए जनगणना का काम फिर टल गया है। प्रदेश की प्रशासनिक सीमाओं में अब 30 जून तक बदलाव किया जा सकेगा।


हिमाचल प्रदेश में छह माह के लिए जनगणना का काम फिर टल गया है। प्रदेश की प्रशासनिक सीमाओं में अब 30 जून तक बदलाव किया जा सकेगा। जुलाई में प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज कर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजनी होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को इस बाबत पत्र जारी किया है। सरकारी सीमाएं सील करने का आदेश पिछले दो साल से आगे बढ़ रहा है।

अब संभावित है कि जुलाई से देश में जनगणना शुरू होगी। जनगणना रजिस्ट्रार ने एक आदेश जारी कर राज्यों को अपने मंडलों, जिलों, सब-डिवीजनों, तहसीलों और गांवों की सीमाएं 31 जुलाई तक बदलने की छूट दे दी है। पहले यह सीमा 31 दिसंबर तक ही थी। जनगणना शुरू कराने के लिए सरकारी सीमाएं सील करना पहली शर्त है।

प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि ओबीसी को लेकर कॉलम जोड़ा जाएगा या नहीं। इसको लेकर अभी संशय बना हुआ है। इस कारण ही जनगणना शुरू होने में देरी हो रही है। केंद्र सरकार को इस बारे में निर्णय लेना है कि जनगणना में ओबीसी संबंधी सवाल जोड़ा जाए या नहीं। अगर यह सवाल जोड़ना है तो जनगणना एक्ट में संशोधन करना पड़ सकता है।


साल 2026 में गठित होने वाले डिलिमिटेशन कमिशन के आधार पर लोकसभा और विधानसभा सीटों का नए सिरे से सीमांकन होना है। 2026 तक लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या पर फ्रीज लगा है। आबादी के नए आंकड़ों के हिसाब से इन निर्वाचन क्षेत्रों का नए सिरे से सीमांकन होगा। संसद की सीटों की संख्या भी बढ़ेगी। इन बढ़ी सीटों के हिसाब से महिलाओं के लिए लोकसभा व विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित भी की जानी हैं।

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