भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन परियोजना में अब 6.7 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जाएगी, जो इस परियोजना की सबसे लंबी टनल होगी। इस टनल को दिसंबर 2026 तक ब्रेकथ्रू करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए मैहला क्षेत्र में टनल के अलाइनमेंट में बदलाव किया गया है।
टनल नंबर 10 और 11 को जोड़ा गया
इस परियोजना के तहत टनल नंबर 10 और 11 को एक साथ जोड़ने का निर्णय लिया गया है। पहले इन दोनों टनलों के बीच लगभग 550 मीटर लंबा पुल बनाया जाना था। लेकिन भूस्खलन और कमजोर पहाड़ी क्षेत्र के कारण पुल निर्माण को रद्द कर दिया गया। इसके स्थान पर 3,800 मीटर लंबी टनल नंबर 10 और 2,100 मीटर लंबी टनल नंबर 11 को मिलाकर एक एकीकृत 6,700 मीटर लंबी टनल बनाई जाएगी।
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टनल निर्माण में तेजी
इस परियोजना में पहले कुल 20 टनल प्रस्तावित थीं, लेकिन टनल नंबर 10 और 11 को एकीकृत करने के बाद अब इनकी संख्या घटकर 19 रह जाएगी। अभी तक 17 टनलों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें से 13 का ब्रेकथ्रू पूरा हो चुका है। इसके अलावा, 8 नंबर और 17 नंबर टनल की खुदाई जारी है।
2026 तक पूरा होगा काम
रेल विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि 6.7 किलोमीटर लंबी इस टनल के दोनों छोर मिलाने का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक रखा गया है। मलबा हटाने और काम को तेजी से पूरा करने के लिए तीन एग्जिट प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। इससे निर्माण सामग्री और उपकरणों की आवाजाही आसान होगी।
महत्वपूर्ण परियोजना
भानुपल्ली से बैरी तक की इस रेललाइन परियोजना में 6.7 किलोमीटर लंबी टनल सबसे अहम साबित होगी। इस परिवर्तन से निर्माण कार्य न केवल तेज होगा, बल्कि सुरक्षा में भी सुधार होगा। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के लिए आर्थिक और परिवहन विकास का नया अध्याय साबित हो सकती है।