Baba Balak Nath Temple Deotsidh: पहले बकरा नीलामी, अब व्यवस्था की बलि… श्रद्धालु जालियों में कैद, बंदर आजाद

प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में हजारों श्रद्धालु लोहे की जालियों में कतारें लगाकर बाबा की गुफा तक पहुंच रहे हैं जबकि बंदर बाहर आजाद घूम रहे हैं। 

उत्तर भारत के प्रसिद्ध बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में श्रद्धालुओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बकरा नीलामी में गड़बड़झाले से सुर्खियों में आए मंदिर में नीलामी में थोड़ा सुधार है पर व्यवस्था की बलि जारी है। हजारों श्रद्धालु लोहे की जालियों में कतारें लगाकर बाबा की गुफा तक पहुंच रहे हैं जबकि बंदर बाहर आजाद घूम रहे हैं। दो फीट चौड़ी जालियों में घंटों तक लाइनों में लगने के दौरान श्रद्धालु पिंजरे में कैद नजर आते हैं।

बाबा की गुफा के सामने लोहे की जालियां बंदरों से बचाव की दृष्टि से लगाई गई हैं लेकिन मंदिर परिसर में अन्य जगह ऐसा कोई इंतजाम नहीं है। करोड़ों रुपये से नौ सराय बनी हैं। इनकी बुकिंग ऑनलाइन होती है। लेकिन रखरखाव न होने से कई सराय जर्जर हो रही हैं। इनकी दीवारें टूटीं-फूटीं हैं। खिड़की-दरवाजों में पर्दे तक नहीं हैं। बाथरूम में गीजर जंग खा रहे हैं। मंदिर परिसर में कई स्ट्रीट लाइटें भी बंद हैं। गेट नंबर दो से लेकर बीबी सत्या देवी सराय तक रात के समय अंधेरा पसरा रहता है। मुख्य गेट से बस स्टैंड तक कुछ स्ट्रीट लाइटें बंद हैं। मंदिर में विकास का काम भी किस्तों में हो रहा है। जगह-जगह खोदे गड्ढों से हादसे का खतरा है। निर्माण सामग्री भी जगह-जगह बिखरी हुई है। यही नहीं, ठंड में नंगे पैर श्रद्धालु चल रहे हैं पर मंदिर प्रशासन फुट मैट तक नहीं लगा पाया है।

उल्लेखनीय है कि सालों से फाइलों में झूल रहे रोपवे को अब पीएंडआर इंफ्रा कंपनी पीपीपी मोड पर बनाएगी। प्रारंभिक सर्वे पूरा हो गया है। अब रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट डवलपमेंट कॉरपोरेशन एफसीए केस तैयार कर रहा है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 70 करोड़ है। प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का प्रस्ताव एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) को भेजा है। एडीबी से मंजूरी मिलते ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा।

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सर्वे पूरा कर लिया गया है। अब प्रोजेक्ट के लिए एफसीए केस की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। क्लीयरेंस मिलते ही कंपनी कार्य को आगे बढ़ाएगी। – रोहित ठाकुर, सीजीएम रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट डवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड

एडीबी की विस्तृत योजना में कई कार्यों को शामिल गया है। ट्रस्ट की पुरानी संपत्तियों की देखभाल के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। ट्रस्ट की जनवरी 2025 में प्रस्तावित बैठक में स्ट्रीट लाइट सहित मरम्मत कार्य को पूरा करने का प्रावधान करेंगे- अमरजीत सिंह, उपायुक्त हमीरपुर

योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का प्रस्ताव मंजूरी के लिए एडीबी को भेजा है। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर आवंटित कर कार्य को आगे बढ़ाया जाएगा। – मनोहर लाल अधिशाषी अभियंता एवं प्रोजेक्ट मैनेजर, एडीबी परियोजना कांगड़ा और हमीरपुर

मंदिर परिसर में बंदरों की समस्या ध्यान में आई है। जल्द ही समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए जाएंगे। – रेनॉल्ड ए रॉयस्टेन, डीएफओ वन्य मंडल, हमीरपुर

ये सुविधाएं देने की तैयारी

मंदिर में पहाड़ी संस्कृति की झलक दिखे, इसे लेकर कार्य किया जाएगा। दीवारों और सीढ़ियों पर पहाड़ी शैली में कलाकृतियां अथवा पेंटिंग्स बनाए जाने की योजना है।

4 करोड़ की लागत से प्रस्तावित एडीबी परियोजना से हर शनिवार और रविवार को दिव्यांगों, बुजुर्गों व बीमार लोगों के बस अड्डा से अपर बाजार तक मुफ्त टैक्सी सुविधा शुरू होगी।

मंदिर परिसर में पार्किंग, भवन और पुस्तकालय सहित अस्पताल भवन का निर्माण, सोलर लाइट की व्यवस्था होगी। 28 करोड़ पार्किंग पर खर्च होंगे। गेट नंबर एक के पास पार्किंग बनाई जाएगी।

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