अम्बेडकर जयंती तो मनाई, लेकिन आजतक नहीं बन पाया अम्बेडकर भवन, बड़सर

गत दिवस 6 द‍ि‍संबर को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भारत रत्न से सुशोभित संविधान मसौदा निर्माण कमेटी के अध्यक्ष, दलितों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की लड़ाई को लड़ने वाले देशभक्त की 69वीं पुण्‍यत‍िथि मनाई गई। इनकी समृति में पूरे भारतवर्ष में कई भवनों का निर्माण हुआ। भारत के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर हिमाचल प्रदेश में भी कई जगह सामुदायिक भवन बनाए गए हैं।
इसी तरह का सामुदायिक भवन हमीरपुर जिला के बड़सर उप मंडल मुख्यालय में भी बनाया जाना था, जिसका निर्माण कार्य लगभग 10-12 वर्ष पहले शुरू हुआ था लेकिन कथित रूप से यह कहा जाता है कि धन के अभाव के कारण इस सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। कुछ बर्ष पहले इस अंबेडकर भवन की दीवारें तो खड़ी कर दी गई लेकिन इसकी छत को डालने के लिए धन के अभाव का कारण बताकर अव एक खंडहर के रूप में खड़ा है। यह अधूरा भवन बड़सर उप मंडल कार्यालय के नजदीक बलियाह पंचायत क्षेत्र में है।
इस बारे जब बलियाह पंचायत के प्रधान बलवीर सिंह वीरू से पूछा तो उन्होंने बताया कि इस भवन का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग बड़सर के माध्यम से किया जाना है अतः जितनी राशि इस भवन के लिए लोक निर्माण विभाग के पास पास पहुंची थी, उससे केवल दीवारें ही खड़ी हुई। लोक निर्माण विभाग बड़सर के सूत्रों ने बताया था कि अब दोबारा प्रचुर मात्रा में ग्रांट मिलती है, तो सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो सकेगा। बलबीर सिंह वीरू,प्रधान ने बताया कि उसने पंचायती राज के विभिन्न कार्यालयों से डॉ भीमराव अंबेडकर सामुदायिक भवन के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए धन उपलब्ध कराने के बारे में कोशिश की, लेकिन अभी तक धन उपलब्ध नहीं हो सका। बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा के सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार ने भी लगभग 2 वर्ष पहले सांसद निधि से 10 लाख रुपए इस निर्माण कार्य के लिए उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक उसे धनराशि का भी कुछ पता नहीं चल सका की संबंधित विभाग को यह सांसद निधि की राशि प्राप्त हुई है या नहीं।

ब्लयाह पंचायत प्रधान बलबीर सिंह वीरू ने कहा कि अब इस भवन के अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करवाने के लिए मुख्यमंत्री से भेंट कर धन उपलब्ध करवाने के लिए निवेदन करूंगा ताकि संविधान के निर्माता भारत रत्न से सुशोभित डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर बनाए जा रहे इस भवन के अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करके उन्हें अगले वर्ष आने वाली पुण्यतिथि पर सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।

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