हमीरपुर। जिला मुख्यालय में कार पार्किंग के शुल्क के नाम पर खुली लूट हो रही है। जिला प्रशासन, नगर निगम और निजी संचालकों की ओर से अलग-अलग दाम वसूले जा रहे हैं।
ऐसे में पार्किंग शुल्क को लेकर निर्धारित किए गए प्रशासनिक और स्थानीय नगर निकाय के तंत्र पर सवाल उठ रहे हैं। नगर निगम की ओर से आवंटित पार्किंग की दरें बाजार में सबसे कम हैं, लेकिन सबसे अधिक लूट निजी पार्किंग में ही हो रही है। मुख्य बाजार में वाहनों को पार्क करना वाहन चालकों के साथ राहगीरों के लिए मुसबीत बनता जा रहा है।
पार्किंग के लिए मनमाने दाम वाहन चालकों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं। वार्डों से लेकर शहर तक निजी पार्किंग संचालक घंटेभर के लिए गाड़ी खड़ी करने के लिए मनमाने दाम वसूल रहे हैं, लेकिन प्रशासन और विभागीय अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। निजी पार्किंग संचालकों के लिए नियम तय करने में विभागीय अधिकारी विफल साबित हो रहे हैं, जिसका खाामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है।
मुख्य बाजार में उपायुक्त कार्यालय के साथ अब मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी पार्किंग संचालक दोगुने दाम वसूल रहे हैं। पार्किंग स्थल पर वाहनों की सुरक्षा के लिए कोई भी प्रबंध नहीं हैं। खुले आसमान के नीचे गाड़ी पार्क हो रही हैं। लंबे समय से बेखौफ होकर मनमाने दाम वसूलने का सिलसिला शहर के कई निजी पार्किंग स्थलों में जारी है, लेकिन प्रशासन और नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मामले में जांच के बाद नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। पार्किंग शुल्क वसूलने को लेकर क्या व्यवस्था है, इसे रिव्यू किया जाएगा।


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