साल 2024 की बात करें तो नारकोटिक ड्रग्स एवं मनोविकार नाशक पदार्थ अधिनियम के तहत 2515 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
नशा माफिया पर सरकार और पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। बीते साल 2024 की बात करें तो नारकोटिक ड्रग्स एवं मनोविकार नाशक पदार्थ अधिनियम के तहत 2515 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही नशा तस्करों की 9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब 40 से 50 स्थलों की तलाशी ली गई, जिससे नशा तस्करों पर नकेल कसी जा सके। पिछले तीन वर्षों में अवैध रूप से अर्जित 16 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि सुक्खू सरकार नशे को रोकने के लिए अनेक प्रभावी कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान नशा माफिया के खिलाफ न तो कोई सख्त कार्रवाई की गई और न ही कोई सख्त कानून बनाने की दिशा में कदम उठाए। भाजपा सरकार के पूरे पांच साल के कार्यकाल में पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट लंबित रहा। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही मात्र चार महीनों के भीतर इसकी अधिसूचना जारी कर दी। उन्होंने कहा कि यह कानूनी प्रावधान उन लोगों को हिरासत में लेने की अनुमति देता है, जो बार-बार नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल पाए जाते हैं। इस कानून के तहत अब तक प्रायोजक प्राधिकरण ने 81 केस प्रस्तुत किए हैं। राज्य सरकार आने वाले विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम लाने पर विचार कर रही है।
स्पेशल टास्क फोर्स को गठित
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नशे के तस्करों से और प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हाल ही में मंत्रिमंडल ने एक स्पेशल टास्क फोर्स को गठित करने के लिए अपनी स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि इस फोर्स को नशे की बढ़ती प्रवृत्ति से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए आवश्यक शक्तियां प्रदान की जाएंगी। लोगों को नशे से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।


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