नंगल पंचायत में सात लोगों में मिले टीबी के लक्षण


टीबी जागरूकता और जांच शिविर का आयोजन, 118 लोगों की हुई स्वास्थ्य जांच

रे, कांगड़ास्वास्थ्य ब्लॉक फतेहपुर के तहत नंगल पंचायत में एक टीबी जागरूकता और जांच शिविर आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय निवासियों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस शिविर का उद्देश्य तपेदिक (टीबी) के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना और टीबी की समय पर पहचान और इलाज सुनिश्चित करना था।

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित इस शिविर में कुल 118 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई, जिसमें सभी के पोर्टेबल एक्स-रे मशीन के द्वारा जांच की गई। टीबी जैसी घातक बीमारी की पहचान के लिए एक्स-रे के माध्यम से परीक्षण किया गया, ताकि संभावित मरीजों को जल्दी से इलाज दिया जा सके।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरके सूद ने जानकारी देते हुए बताया कि इस जांच के दौरान 7 मरीजों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं। इन मरीजों को आगे की जांच और इलाज के लिए उच्च चिकित्सा केंद्र भेज दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि समय पर टीबी का इलाज होने से इस बीमारी को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।

टीबी के लक्षणों को नजरअंदाज न करने की अपील करते हुए डॉ. आरके सूद ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय तक खांसी, बुखार, पसीना आना, और वजन में गिरावट जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उसे तुरंत स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी की समय पर पहचान और इलाज से न केवल व्यक्ति बल्कि उसके परिवार और समुदाय को भी बचाया जा सकता है।

टीबी के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता

स्वास्थ्य अधिकारियों ने टीबी जागरूकता बढ़ाने के लिए स्थानीय समुदाय में भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है, ताकि लोगों में इस बीमारी के प्रति डर कम हो और वे बिना किसी संकोच के जांच करवा सकें। डॉ. सूद ने इस बात पर जोर दिया कि टीबी के इलाज के लिए दवाइयाँ मुफ्त उपलब्ध हैं और इसका इलाज सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह से उपलब्ध है।

टीबी की महामारी से बचाव के उपाय

टीबी, जो कि एक संक्रामक रोग है, का इलाज लंबे समय तक दवाइयों के द्वारा किया जाता है। इसलिए, यह जरूरी है कि मरीज उपचार प्रक्रिया को अंत तक पूरा करें। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने नियमित जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है ताकि टीबी की बीमारी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचे।

इस शिविर की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि समूह जागरूकता और समय पर जांच से टीबी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। आने वाले दिनों में, इसी तरह के और शिविर आयोजित किए जाएंगे, ताकि लोग अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में अधिक जागरूक हो सकें और बेहतर इलाज प्राप्त कर सकें।

टीबी का इलाज: एक स्थायी समाधान

टीबी का इलाज समय पर किया जाए तो यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो सकती है। इसके लिए टीबी के मरीजों को पूरी तरह से इलाज के प्रति जागरूक किया जाएगा और उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयां दी जाएंगी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने टीबी की रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन करने की योजना बनाई है, ताकि टीबी जैसी बीमारियों से बचाव किया जा सके।

नियमित स्वास्थ्य जांच का महत्व

डॉ. सूद ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना चाहिए और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए। इससे न केवल टीबी, बल्कि अन्य बीमारियों की भी समय पर पहचान हो सकती है, और व्यक्ति जल्दी से उपचार प्राप्त कर सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य परीक्षण के लिए मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयों की व्यवस्था भी की है, ताकि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों तक भी स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकें।

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