केंद्र वित्तपोषित वाटरशेड परियोजना से बदल रही ग्रामीणों की तकदीर, भलवानी पंचायत में बनेगा 10 लाख रुपये का सिंचाई टैंक
जाहू (हमीरपुर)। हिमाचल प्रदेश में केंद्र वित्तपोषित वाटरशेड परियोजना के तहत भूजल संरक्षण और भूमि कटाव की रोकथाम से ग्रामीण किसानों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आने लगे हैं। इस योजना से किसानों को न केवल सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि कृषि उत्पादकता और आय में भी वृद्धि होगी।
भलवानी पंचायत में 10 लाख रुपये की लागत से बनेगा सिंचाई टैंक
भोरंज उपमंडल की भलवानी पंचायत में 10 लाख रुपये की लागत से एक बड़ा पानी का टैंक बनाया जा रहा है।
- टैंक का आकार: 47 फीट लंबा, 27 फीट चौड़ा, और 11 फीट गहरा।
- सिंचाई क्षेत्र: टैंक के जरिए 20 से 25 कनाल भूमि में सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
- पानी की उपलब्धता: भूमिगत प्राकृतिक जल स्रोत और भलवानी नाले के बहते पानी को टैंक में डाला जाएगा, जिससे इसमें पूरे साल पानी उपलब्ध रहेगा।
किसानों को होगा बड़ा लाभ
टैंक के निर्माण से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी। वर्तमान में 20 से 25 कनाल भूमि पर गेहूं और धान की खेती होती है, लेकिन सिंचाई के अभाव में खेती से अधिक लाभ नहीं हो पाता।
- सिंचाई सुविधा में सुधार: टैंक बनने के बाद अनाज और सब्जियों की पैदावार में वृद्धि होगी।
- आर्थिक लाभ: सिंचाई साधन बढ़ने से किसानों की आय में सीधा फायदा होगा।
भूजल संरक्षण और भूमि कटाव पर रोक
यह परियोजना न केवल किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में मददगार साबित हो रही है, बल्कि भूजल संरक्षण और भूमि कटाव को रोकने में भी अहम भूमिका निभा रही है।
निष्कर्ष
केंद्र वित्तपोषित वाटरशेड परियोजना हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में खेती को लाभकारी बनाने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। भलवानी पंचायत में बन रहा सिंचाई टैंक किसानों की समृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह योजना हिमाचल प्रदेश में खेती और सिंचाई के लिए एक नई क्रांति लेकर आएगी।