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60 साल पुराने मंदिर पर चली बुलडोजर की कार्रवाई, विरोध में उतरे लोग – क्या है पूरा मामला?

Hamarapara Ma Eka Shava Mathara Ka Avathha Hana Ka Calta Hataya Gaya Ha 2c02d4f07ca6ed9c1414926cf7779215Hamarapara Ma Eka Shava Mathara Ka Avathha Hana Ka Calta Hataya Gaya Ha 2c02d4f07ca6ed9c1414926cf7779215

Himachal Shiv Mandir Demolish: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद अतिक्रमण की जद में आए वर्षों पुराने मंदिर को शुक्रवार के गिरा दिया गया।

जिला हमीरपुर के सुजानपुर से थुरल हाईवे पर कुठेड़ा (उबक) क्षेत्र में उच्च न्यायालय के आदेशानुसार अतिक्रमण की जद में आए वर्षों पुराने शिव मंदिर को शुक्रवार के गिरा दिया गया। एक व्यक्ति की शिकायत के बाद प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में लोक निर्माण विभाग की और से यह कार्रवाई की गई। मंदिर के साथ ही एक व्यक्ति के मकान के छज्जे को भी तोड़ा गया है। मकान का यह छज्जा भी अतिक्रमण के दायरे में आ रहा था। मंदिर को गिराने के लिए जैसे ही लोक निर्माण विभाग प्रशासन और पुलिस के साथ पहुंचा वैसे ही ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया।

ग्रामीण मंदिर गिरने की विरोध में सड़क मार्ग पर उतर आए। इनका कहना था कि यह मंदिर लगभग 60 साल पुराना है और क्षेत्र के लोगों की आस्था का प्रतीक है। पहले यहां पर सिर्फ मूर्तियां ही होती थी, लेकिन लोगों ने आपसी सहयोग से इस मंदिर का निर्माण करवाया था। ग्रामीणों ने यहां तक कहा कि यदि मंदिर को गिराया गया है तो फिर इलाके की पूरी जांच की जाएगी और जिन लोगों ने सरकारी भूमि पर कोई निर्माण किया है उसे भी हटाया जाए। ग्रामीणों का कहना था कि मंदिर को इस तरह से नहीं हटाया जाना चाहिए। आस्था से जुड़े मंदिर को हटाने से पूर्व परिस्थितियों को भागते हुए लोक निर्माण विभाग ने पुलिस विभाग की मदद ली थी।


ग्रामीण भड़के
ग्रामीणों के आक्रोश को शांत करने के लिए तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे। लोगों के विरोध के बीच अतिक्रमण के दायरे में आए मंदिर को गिरा दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार किसी एक व्यक्ति ने सुजानपुर से थुरल हाईवे पर अतिक्रमण के संदर्भ में शिकायत की थी। इसके बाद पाया गया कि कुठेड़ा के पास मंदिर और एक मकान का छज्जा अतिक्रमण के दायरे में आ रहा है। मामले की पूरी जांच करने के बाद शुक्रवार के दिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंचे। यहां पर प्रशासनिक अधिकारियों को देखकर ग्रामीण भड़क गए और मंदिर को ना गिरने की बात कहने लगे।

ग्रामीण बोले- मंदिर को नहीं गिरना चाहिए था
ग्रामीणों का यह भी कहना था कि अतिक्रमण कई जगहों पर हुआ है वहां पर तो ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। क्षेत्र के लोगों के आस्था के प्रतीक इस मंदिर को क्यों गिराया जा रहा है। ग्रामीण लोगों का कहना है कि लगभग 60 साल पुराना यह मंदिर है। उन्होंने कहा कि पहले यहां पर सिर्फ मूर्तियां होती थी, लेकिन लोगों ने मिलकर यहां पर मंदिर का निर्माण किया। उनका कहना था कि मंदिर को नहीं गिरना चाहिए था। महिला दिन जब आरोप लगाया कि क्षेत्र में कई लोगों ने इस तरह के अतिक्रमण कर रखे हैं उनके ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अभिषेक शर्मा का कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार अतिक्रमण हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने शिकायत की थी जिसके आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि कहीं अन्य जगहों पर भी अतिक्रमण किया गया है तो शिकायत के आधार पर वहां भी कार्रवाई की जाएगी।

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