हिमाचल प्रदेश में अगले तीन महीने तक सामान्य परिस्थिति में न कोई पद सृजित होगा, न नए संस्थान खुलेंगे और न ही स्तरोन्नत होंगे। केवल मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की विशेष मंजूरी पर ही नए संस्थान खोलना, स्तरोन्नयन या नए पदों का सृजन निर्भर रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में अगले तीन माह तक सामान्य परिस्थिति में न कोई पद सृजित होगा, न नए संस्थान खुलेंगे और न ही स्तरोन्नत होंगे। इन्हें अगले बजट तक के लिए टाला जा रहा है। राज्य सरकार के वित्त विभाग ने इस वित्तीय वर्ष की जनवरी से मार्च तक चलने वाली चौथी तिमाही के लिए आर्थिक प्रबंधन के चलते यह निर्णय लिया है। केवल मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की विशेष मंजूरी पर ही नए संस्थान खोलना, स्तरोन्नयन या नए पदों का सृजन निर्भर रहेगा।
वित्त विभाग ने विभागों को इस संबंध में अगले बजट के लिए ब्योरा भेजने के निर्देश जारी किए हैं। अगर नए संस्थानों को खोलने, इनके स्तरोन्नयन और नए पदों के सृजन के लिए बजट प्रावधान अंतिम तिमाही में किया जाए तो इससे चालू वित्तीय वर्ष में ही खर्च किया जा सकता है। ऐसे में सरकार का लक्ष्य उन योजनाओं पर ज्यादा है, जो चालू वित्तीय वर्ष में ही लागू हो पाएं और जिनके लिए पहले से ही बजट प्रावधान किया गया है।
इसी के मद्देनजर सभी विभागों को आदेश जारी किए गए हैं कि वे नए पद सृजन के प्रस्ताव अगले बजट को लक्षित करके ही भेजें और नए संस्थानों को खोलने या स्तरोन्नयन के लिए अगले बजट में अपने प्रस्ताव भेजें। वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगले बजट में नए पद सृजन, नए संस्थानों को खोलने और स्तरोन्नयन के लिए प्रावधान किए जाएंगे। इसके लिए विभागों से प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं।
जनवरी में विधायक प्राथमिकता की बैठक
योजना आकार तय करने के लिए विधायक प्राथमिकता बैठक जनवरी के लिए दूसरे हफ्ते में हो सकती है। इसमें सभी विधायकाें से उनकी प्राथमिकताएं मांगी जाएंगी। जनवरी के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू कांगड़ा प्रवास पर जा सकते हैं।
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