एचआरटीसी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उठाए ठोस कदम, आय में हुई ₹63.47 करोड़ की वृद्धि
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि निगम को आत्मनिर्भर और व्यवहार्य बनाने के लिए सरकार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के प्रथम आठ माह में एचआरटीसी की आय में ₹63.47 करोड़ की वृद्धि दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार निगम को हर महीने लगभग ₹60 करोड़ का अनुदान जारी कर रही है। पिछले दो वर्षों से एचआरटीसी के कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर वेतन और पेंशन का भुगतान सुनिश्चित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी राज्य की जीवन रेखा की तरह कार्य करता है, क्योंकि हर दिन लगभग 5 लाख लोग निगम की बसों में यात्रा करते हैं।
ग्रीन एचआरटीसी की दिशा में ठोस पहल
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य है। इसके तहत एचआरटीसी को ‘ग्रीन एचआरटीसी’ में परिवर्तित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निगम की सभी डीजल बसों को ई-बसों में बदलने के लिए सरकार ने ₹327 करोड़ आवंटित किए हैं।
कैशलेस भुगतान और नई सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि एचआरटीसी ने अपनी बसों में कैशलेस भुगतान की सुविधा शुरू कर दी है, जिससे हिमाचल प्रदेश यह सेवा देने वाला पहला राज्य बन गया है। साथ ही, बेहतर परिवहन सुविधाओं के लिए नए बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा।
कर्मचारियों की भूमिका और सरकारी समर्थन
बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने एचआरटीसी कर्मचारियों की निपुणता और समर्पण को सराहा। उन्होंने कहा कि निगम के प्रयास यात्रियों के लिए आरामदायक सफर और भरोसे का पर्याय बन गए हैं।
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी, जैसे कि आरडी नजीम, देवेश कुमार, डॉ. अभिषेक जैन, राकेश कंवर और एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर, उपस्थित रहे।
एचआरटीसी की उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं
- आय में वृद्धि: 8 माह में ₹63.47 करोड़ की वृद्धि।
- हरित परिवहन: सभी बसों को ई-बसों में बदलने की योजना।
- कैशलेस भुगतान: यात्रियों को डिजिटल भुगतान की सुविधा।
- नए बस अड्डे: यात्री सुविधाओं में सुधार के लिए निर्माण कार्य।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और राज्य सरकार के प्रयासों से एचआरटीसी न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।